बेल्ट एंड रोड योजना के सहारे मध्य एशिया तक पहुंचने की तैयारी में चीन

punjabkesari.in Wednesday, Sep 25, 2019 - 05:56 PM (IST)

बीजिंगः चीन ने अपनी महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड योजना के जरिए अब मध्य एशिया और खाड़ी देशों में अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इराक के प्रधानमंत्री अदल अब्दुल महादी से द्वपक्षीय सहयोग और मध्य एशिया और खाड़ी क्षेत्रों के हालात पर चर्चा की। लेकिन चीन की इस पहल के मायने बीआरआई से जोड़ कर देखा जा रहा हैं।

 

बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का दूसरा चरण शुरू हो चुका है । इराक पहला देश है जिसने बीआरआई में रूचि दिखाई है। इस परियोजना की परिकल्पना 2013 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने की थी। बीआरआई को सिल्क रोड इकोनॉमिक बेल्ट या 21वीं सदी की सामुद्रिक सिल्क रोड के तौर पर भी जाना जाता है। दुनिया की 70 फीसदी आबादी और 75 फीसदी उपलब्ध संसाधनों से जोड़ने वाली यह योजना चीन को दुनिया के बाकी बाजारों से जोड़ेगी। इसके तहत छह गलियारे बनाए जाने की योजना है।

 

इसके एक रूट में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से श्रीलंका और इंडोनेशिया और इराक को जोड़ना है, तो दूसरा रूट चीन से रूस और ईरान होते हुए सीरिया और इराक से जोड़ना है। इस योजना के तहत कई देशों के सड़क संपर्क मार्ग को जोड़ने के साथ बंदरगाहों को भी जोड़ा जाना है। बीआरआई के गलियारे यूरेशिया में प्रमुख रास्तों, चीन-मंगोलिया-रूस, चीन-मध्य एवं पश्चिम एशिया, चीन-भारत-चीन प्रायद्वीप, चीन-पाकिस्तान, बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार से गुजरेंगे। 2018 के आंकड़ों के मुताबिक दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ कर 3,000 करोड़ डॉलर तक पहुंच चुका है, जिसमें हर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है।

 

चीन हर साल इराक से 2 हजार करोड़ डॉलर का कच्चा तेल खरीदता है, जबकि इराक चीन से हर साल तकरीबन 800 करोड़ का आयात करता है। वहीं इराक के बाद सीरिया दूसरा अरब देश है, जिसने बीआरआई में शामिल होने की दिलचस्पी दिखाई है। सीरिया और इराक दोनों ही देश आईएसआईएस के आतंक को झेल चुके हैं और उन्हें अर्थव्यवस्था में उम्मीद की किरण चीन की तरफ से दिखाई दे रही है। सीरिया का कहना है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों के प्रभुत्व को रोकने में बीआरआई अगम भूमिका निभा सकता है।
 


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Tanuja

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