यांगत्जी नदी के जल प्रलय से कराह उठा चीन
punjabkesari.in Saturday, Aug 22, 2020 - 06:02 AM (IST)

पेइचिंग(विशेष): यांगत्जी नदी के जल प्रलय से चीन कराह रहा है। चीन के सबसे बड़े बांध में जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। बांध को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर पानी छोड़ना पड़ रहा है। इससे बड़े इलाके में बाढ़ आ गई है। यांगत्जी नदी पर बने दुनिया के सबसे बड़ी पन-बिजली योजना के बांध में प्रति सैकेंड 75 हजार क्यूबिक मीटर पानी आ रहा है। चीन के सरकारी मीडिया के अनुसार पानी का प्रवाह इतना ज्यादा है कि गुरुवार को इस बांध के 11 द्वार खोलकर 49.2 हजार क्यूबिक मीटर पानी प्रति सैकेंड की दर से निकाला जा रहा है। जब से यह बांध बना है, तब से अब तक की यह सबसे बड़ी जल निकासी है।
1200 साल पुरानी विश्व धरोहर खतरे में
सरकारी चैनल सी.सी.टी.वी. के अनुसार सिचुआन प्रांत में स्थित 1200 साल पुरानी विश्व धरोहर बाढ़ के खतरे में है। यहां स्थित 233 फुट ऊंची भगवान बुद्ध की प्रतिमा तक पानी पहुंच गया है। 1949 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब यांगत्जी नदी के पानी में प्रतिमा के पैर के अंगूठे डूब गए। यांगत्जी नदी की बाढ़ रोकने के लिए ही यहां बांध बनाया गया था। शुक्रवार को सिचुआन में भूस्खलन के बाद छह लोग लापता हैं।
3 लाख लोगों को हटाया
बाढ़ के खतरे को देखते हुए सिचुआन प्रांत के चोंगकिंग शहर से करीब 3 लाख लोगों को हटाकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। बांध से पानी छोड़े जाने के बाद गुरुवार को इस शहर में यांगत्जी नदी का जलस्तर 1981 के बाद सबसे ज्यादा देखा गया है। 1981 की बाढ़ में 15 लाख लोग बेघर हुए थे। इस शहर में सड़कों, पार्कों, हाइवे सब बाढ़ के पानी में डूबे हैं।