चीन ने 100 टन दूध देने वाली 'Super Cow' के बनाए 3 क्लोन, पैदा करेगा 1000 ऐसी और गाएं

punjabkesari.in Thursday, Feb 09, 2023 - 04:44 PM (IST)

बीजिंगः चीन ने 'सुपर गायों' की सफलतापूर्वक क्लोनिंग करके 3 बछड़े पैदा करने का दावा किया है। वैज्ञानिकों के अनुसार Super Cow सामान्य गायों की तुलना में बहुत अधिक मात्रा में दूध का उत्पादन कर सकती हैं। चीनी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार सुपर गायों की बदौलत चीन दूध उत्पादन में दुनिया का अग्रणी देश बन सकेगा। ये तीनों बछड़े होल्स्टीन फ्रेजियन नस्ल की गायों से क्लोन किए गए, जो नीदरलैंड में पाई जाने वाली नस्ल है।  होल्स्टीन फ्रेजियन नस्ल वाली गायें अत्यधिक दुग्ध उत्पादक मानी जाती हैं।  इस नस्ल की एक गाय प्रति वर्ष 18 टन दूध या अपने जीवनकाल में 100 टन दूध का उत्पादन करने में सक्षम होती है।

 

अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार, यह आंकड़ा यूएसए में 2021 में एक गाय से प्रतिदिन प्राप्त औसत दूध की मात्रा का लगभग 1.7 गुना है।  ये तीनों बछड़े होल्स्टीन फ्रेजियन नस्ल की गायों से क्लोन किए गए, जो नीदरलैंड में पाई जाने वाली नस्ल है। होल्स्टीन फ्रेजियन नस्ल वाली गायें अत्यधिक दुग्ध उत्पादक मानी जाती हैं।  इस नस्ल की एक गाय प्रति वर्ष 18 टन दूध या अपने जीवनकाल में 100 टन दूध का उत्पादन करने में सक्षम होती है। अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार, यह आंकड़ा यूएसए में 2021 में एक गाय से प्रतिदिन प्राप्त औसत दूध की मात्रा का लगभग 1.7 गुना है। 

 

चीन की सरकारी मीडिया में दावा किया गया है कि सुपर गायों की सफल क्लोनिंग के बाद चीन के डेयरी उद्योग को उन्नत नस्ल की गायों को विदेशों से आयात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।  चीन की स्टेट मीडिया ने वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि को देश के डेयरी उद्योग के लिए नई क्रांति बताया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुपर गायों की सफल क्लोनिंग से आयातित नस्लों पर चीन की निर्भरता कम होगी। नॉर्थवेस्ट यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल एंड फॉरेस्ट्री साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने सुपर काउ के 3 बछड़ों की सफल क्लोनिंग 23 जनवरी को लूनर न्यू ईयर से पहले के हफ्ते में किया। चीनी वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक 3 'सुपर गायों' का क्लोन बनाया है, जो असामान्य रूप से उच्च मात्रा में दूध का उत्पादन कर सकती हैं।  

 

इस प्रोजेक्ट की सफलता चीन को गायों की बहुत अच्छी नस्ल को संरक्षित करने की अनुमति देता है, जो आर्थिक रूप से भी व्यवहार्य होगा। जिन यापिंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि चीन में 10,000 गायों में से केवल 5 ही अपने जीवनकाल में 100 टन दूध का उत्पादन कर सकती हैं, जिससे वे प्रजनन के लिए एक मूल्यवान संसाधन बन जाती हैं। लेकिन कुछ अत्यधिक दूध उत्पादक गायों की पहचान उनके जीवन के अंत तक नहीं हो पाती है, जिससे उन्हें पालना मुश्किल हो जाता है।  ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीन की 70% दूधारू गायों को विदेशों से आयात किया जाता है। 


 


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Content Writer

Tanuja

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