विरोध के बावजूद चीन में विवादित ''डॉग मीट फ़ेस्टिवल'' शुरू

punjabkesari.in Tuesday, Jun 23, 2020 - 05:24 PM (IST)

 

इंटरनेशनल डेस्कः दुनिया को कोरोना वायरस महासंकट की सौगात देने वाले चीन के युलिन शहर में वन्यजी प्रेमियों के विरोध के बावजूद इस साल भी विवादित 'डॉग मीट फ़ेस्टिवल' शुरू हो गया है। पहले रिपोर्ट आई थी कि इस पर पाबंदी लगा दी गई है या फिर इसकी व्यापकता को कम किया गया है। चीन के गुवांग्शी प्रांत में हर साल कुत्ते का मांस खाने के लिए लोग एकजुट होते हैं। हालांकि कैंपेनरों ने दावा किया था कि प्रशासन की तरफ़ से मांस विक्रेताओं को कुत्ते का मांस नहीं बेचने के लिए कहा गया था। दक्षिण-पश्चिमी शहर यूलिन में वार्षिक 10-दिवसीय उत्सव आम तौर पर हजारों आगंतुकों को आकर्षित करता है, लेकिन इस साल आने वालों की संख्या काफी घट गई है।

 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यहां की सरकार वन्यजीवों के व्यापार को प्रतिबंधित करने और पालतू जानवरों की सुरक्षा के लिए नए कानून बना रही है और  वन्यजीव प्रेमी संस्थाओं  को उम्मीद है कि यह शायद आखिरी 'डॉग फ़ेस्टिवल' होगा । एक पशु अधिकार समूह ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल के नीति विशेषज्ञ पीटर ली ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि यूलिन न केवल जानवरों के लिए बल्कि उनके लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी बदलेगा।" उन्होंने कहा, "त्योहारों के नाम पर भीड़ भरे बाजारों और रेस्तराओं में कुत्ते के मांस के व्यापार और उपभोग के लिए सामूहिक समारोहों का आयोजन एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है।

 

माना जाता है कि कोरोना वायरस वुहान शहर के मीट बाजार से ही शुरू हुआ है और इसकी पहली जीरो मरीज इसी मार्कीट की थी।यही वजह कि चीन को जानवरों के मांस के व्यापार पर प्रतिबंध लगाने के लिए बाध्य होना पड़ा है। यही वजह है कि अप्रैल में, शेन्ज़ेन कुत्तों की खपत पर प्रतिबंध लगाने वाला चीन का पहला शहर बन गया, जिसका अनुसरण युलिन द्वारा भी करने की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय ने पशुधन के बजाय कुत्तों को पालतू जानवरों के रूप में वर्गीकृत करने का फैसला किया, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पुनर्वर्गीकरण युलिन के व्यापार को कैसे प्रभावित करेगा।

 

  यूलिन में रहने वाले एक पशु अधिकार कार्यकर्ता झांग कियानकियान ने कहा कि कुत्ते के मांस के त्योहार पर प्रतिबंध लगाने से पहले उनकी मांस विक्रेताओं के साथ बातचीत हुई थी जिसमें कहा गया कि नेताओं ने कुत्ते के मांस की खपत की अनुमति नहीं दी है, "लेकिन कुत्ते के मांस की खपत पर प्रतिबंध लगाना कठिन है और इसमें कुछ समय लगेगा।"


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Tanuja

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