नई जंग की आहट: ताइवान के पास जापानी मिसाइलें तैनात ! चीन बोला- युद्ध को दावत दे दी
punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 06:30 PM (IST)
Bejing: चीन और जापान के बीच ताइवान को लेकर विवाद एक बार फिर तेज़ हो गया है। जापान ने ताइवान से सिर्फ 110 किलोमीटर दूर स्थित योनागुनी द्वीप पर Type-03 मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइलें तैनात करने की योजना बनाई है। इस पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे “बेहद खतरनाक और उकसाने वाला कदम” बताया। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि यह तैनाती जापान का सोचा-समझा प्रयास है जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ेगा और सैन्य टकराव की आशंका गहरी होगी। उन्होंने जापान की ताइवान पर हालिया “गलत टिप्पणियों” का भी उल्लेख किया और कहा कि यह पूरा विकास चिंताजनक है।
जापान का बचाव
जापान के रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजुमी ने योनागुनी के सैन्य बेस पर कहा कि मिसाइलों की तैनाती देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक है और इससे “हम पर हमला होने की संभावना कम होगी।” उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ने का दावा सही नहीं है। माओ निंग ने कहा कि जापान की दक्षिण-पश्चिमी द्वीपों पर आक्रामक हथियार तैनाती, उसकी “पीस कॉन्स्टिट्यूशन” से दूर जाने और सैन्यवाद की दिशा में बढ़ने का संकेत है, जो पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है।
क्षेत्रीय संबंधों में और गिरावट
ताइवान पर जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची के बयान के बाद से चीन-जापान संबंध पहले ही तनाव में थे। ताकाइची ने कहा था कि “अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो यह जापान के लिए अस्तित्वगत खतरा होगा।” चीन ने उनसे बयान वापस लेने को कहा, लेकिन ताकाइची ने साफ इंकार कर दिया। इसके बाद चीन ने जापान के खिलाफ कई कदम उठाए।
- समुद्री खाद्य आयात पर फिर से रोक
- जापान के लिए यात्रा चेतावनी
- चीनी पर्यटकों की बुकिंग कैंसिल होने लगीं
- G20 में चीनी प्रधानमंत्री ने ताकाइची से मुलाकात टाली
- चीन-जापान-दक्षिण कोरिया त्रिपक्षीय बैठक भी स्थगित
चीन की सैन्य गतिविधियां बढ़ीं
तनाव बढ़ते ही चीन ने पूर्वी थिएटर कमांड के तहत नौसेना अभ्यास और Yellow Sea में सैन्य गतिविधियों को तेज कर दिया है। जापान के मीडिया के अनुसार, यह तैनाती जापान की दक्षिणी द्वीप श्रृंखला पर बड़े सैन्य विस्तार का हिस्सा है, जो चीन की बढ़ती शक्ति से जुड़ी चिंताओं को दर्शाता है। इस बीच, अमेरिका ने जापान के साथ अपनी “अडिग प्रतिबद्धता” दोहराई है और उसे मजबूत समर्थन देने की बात कही है।
