चीन की सीक्रेट डील ने उड़ाई दुनिया की नींद

punjabkesari.in Friday, Oct 18, 2019 - 10:31 AM (IST)

बीजिंगः चीन और सोलोमन के राजनयिक रिश्तों की बहाली के एक महीने बाद ही दुनिया के लिए चौकाने वाली खबर आई है । सोलोमन और चीन के बीच एक सीक्रेट डील हुई है जिसने दुनिया की नींद उड़ा कर रख दी है। खबर है कि चीन ने सोलोमन के तुलागी द्वीप को 75 साल के लीज़ पर लेने की गुप्त डील की है। इसे अमरीका के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, चीन के इस बेहद महत्वाकांक्षी और रणनीतिक कदम को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

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तुलागी नाम का यह द्वीप ब्रिटेन और जापान का दक्षिण प्रशांत का हेडक्वॉर्टर रहा चुका है और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इसके गहरे पानी ने इसे मजबूत सैन्य हथियार बना दिया था। अब यह बेहद अहम रणनीतिक क्षेत्र चीन के कब्जे में होगा। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने चीन और सोलोमन द्वीप की प्रांतीय सरकार के बीच एक गोपनीय समझौता हुआ जिसके तहत चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी एक कंपनी ने पूरे तुलागी द्वीप और इसके आस-पास के इलाके के विकास कार्यों के लिए अधिकार खरीद लिए । इस सीक्रेट डील से तुलागी निवासियो के अलावा दुनिया भी हैरान हैं ।

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उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। अमेरिकी इस द्वीप को दक्षिण प्रशांत में चीन को रोकने और महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की सुरक्षा के लिए अहम मानते हैं। यह चीन के तमाम देशों को संपन्नता का सपना दिखाकर उनकी रणनीतिक पूंजियों पर कब्जा करने का नया उदाहरण है। चीन अपनी वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की नई रणनीति के तहत विदेशी सरकारों को पैसे का लालच देने के साथ स्थानीय मूलभूत ढांचे में निवेश करने का वादा करता है और उसके बाद विकासशील देश कर्ज के जाल में बुरी तरह से फंस जाते हैं।

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न्यूजीलैंड की कैंटरबरी यूनिवर्सिटी के चीनी शोधकर्ता एन मोरी ब्रैडी कहते हैं, इसकी भौगोलिक स्थिति से ही पता चल जाता है कि यह कितनी अच्छी जगह है। चीन दक्षिण प्रशांत में अपनी सैन्य पूंजियां बढ़ा रहा है और इसी क्रम में वह बंदरगाहों और एयरफील्ड पर अपना नियंत्रण स्थापित करना चाह रहा है।बीजिंग की दक्षिण प्रशांत में आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य महत्वाकांक्षाएं हैं।


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Tanuja

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