अमेरिका ने मार गिराया ''जासूसी गुब्बारा'' तो भड़का चीन, कहा- इससे रिश्ते खराब होंगे
punjabkesari.in Monday, Feb 06, 2023 - 09:16 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका के 'जासूसी गुब्बारा' गिराने पर चीन की पहली बार प्रतिक्रिया सामने आई है। चीन ने अमेरिका से कहा कि इससे रिश्ते खराब होंगे। दरअसल, अमेरिका ने शनिवार दोपहर दक्षिण कैरोलाइना तट पर अटलांटिक महासागर में चीन के एक निगरानी गुब्बारे को मार गिराया। इसके बाद, पेंटागन ने कहा कि उसने गुब्बारे के मलबे से सभी उपकरण बरामद करने का अभियान शुरू किया है।
चीन के जासूसी बैलून के मलबे को अटलांटिक तट से जमा किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि मलबा समुद्र में सात मील तक फैल गया । मलबे को इकट्ठा करने के लिए नेवी के वॉरशिप साउथ कैरोलिना के तट पर जुटे हैं। इस गुब्बारे को F-22 फाइटर जेट ने AIM-9X मिसाइल से निशाना बनाया था।
वहीं, चीन ने कहा कि अमेरिका द्वारा गुब्बारे को गिराया जाना ‘‘अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया का गंभीर उल्लंघन है।’’ उसने अमेरिका को इसके अंजाम भुगतने की धमकी भी दी।
अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश पर अमेरिकी सेना ने स्थानीय समयानुसार दो बजकर 39 मिनट पर अटलांटिक महासागर में चीन के निगरानी गुब्बारे को मार गिराया। जिस स्थान पर गुब्बारे को गिराया गया, वह दक्षिण कैरोलाइना में अमेरिकी तट से छह मील दूर है। गुब्बारे को मार गिराने के दौरान अमेरिकी नागरिकों को जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
रक्षा अधिकारी ने बताया कि वर्जीनिया में लांगले वायुसेना अड्डे से उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमान ने एक मिसाइल छोड़ी, जिससे गुब्बारा अमेरिका के वायु क्षेत्र के भीतर महासागर में गिरा।
बाइडन ने मैरीलैंड में पत्रकारों से कहा कि मैंने उनसे गुब्बारे को मार गिराने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि बुधवार को जब मुझे गुब्बारे की जानकारी दी गई थी, तो मैंने पेंटागन को इसे जल्द से जल्द मार गिराने का आदेश दिया था। उन्होंने जमीन पर किसी को नुकसान पहुंचाए बिना यह करने का निर्णय लिया और इसके लिए सबसे उपयुक्त समय तब मिला, जब गुब्बारा समुद्र के ऊपर था। रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति बाइडन के निर्देश पर आज दोपहर एक लड़ाकू विमान ने चीन के निगरानी गुब्बारे को अमेरिकी वायु क्षेत्र में दक्षिण कैरोलाइना के तट पर समुद्र के ऊपर मार गिराया।’’ यह कार्रवाई कनाडाई सरकार के समन्वय और पूरे सहयोग के साथ की गई।