अमेरिका के ब्लैक हॉक ने बिना पायलट उड़ान भर रचा इतिहास, चीन-रूस की बढ़ेंगी मुश्किलें
punjabkesari.in Saturday, Feb 12, 2022 - 04:40 PM (IST)
वॉशिंगटन: अमेरिका के ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर ने बिना पायलट के उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है। ब्लैक हॉक की यह ऑटोनोमस उड़ान 5 फरवरी को केंटकी में आर्मी के फोर्ट कैंपबेल में लगभग 30 मिनट तक आयोजित की गई। इस टेस्ट फ्लाइट के लिए एक अत्याधुनिक सिस्टम सूट का इस्तेमाल किया गया। इस सिस्टम सूट को मुख्य रूप से हेलीकॉप्टर पायलटों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। अमेरिकी वायु सेना की डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी ने सिकोरस्की के सहयोग से UH-60A ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर पर यह प्रयोग किया गया।
ब्लैक हॉक ने टेस्ट के सभी मानक पूरे करके सफल लैंडिंग की
अमेरिका के केंटुकी शहर में इस एक्सपेरिमेंट फ्लाइट की तैयार की गई थी। कम्प्यूटर सिमुलेशन द्वारा एक ऐसा आभासी शहर तैयार किया गया था जिसमें इमारतें थी और अन्य रूकावट थे। ब्लैक हॉक का उद्देश्य था कि वह इन रूकावटों से बचकर सफलतापूर्वक अपने उड़ान को पूरा करे। उड़ान के दौरान हेलीकॉप्टर ने बनाई गई इमेजनरी (काल्पनिक) इमारतों से बच निकलने में भी कामयाबी हासिल की। ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर ने टेस्ट के सभी मानक पूरे करके सफल लैंडिंग की। रक्षा सेक्टर में अमेरिका को मिली इस बड़ी सफलता से चीन और रूस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बताते चलें कि अमेरिका के ये ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इन तेज रफ्तार हेलीकॉप्टर्स को रडार से इंटरसेप्ट कर पाना काफी मुश्किल है।
WATCH: A Black Hawk helicopter flew for the first time without pilots in Kentucky. The aircraft flew for 30 minutes through a simulated cityscape avoiding imagined buildings before performing a perfect landing pic.twitter.com/SD01LWhUZe
— Reuters Asia (@ReutersAsia) February 12, 2022
4,000 फीट की ऊंचाई पर किया गया उड़ान टेस्ट
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, बिना पायलट के ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर ने पहली उड़ान टेस्ट 5 फरवरी को करीब 4,000 फीट की ऊंचाई पर किया गया था। इस दौरान हेलीकॉप्टर ने 115 से 125 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी। सोमवार को उसी हेलिकॉप्टर से एक और उड़ान भरी गई।
रिसर्च को 3 लक्ष्य लेकर आगे बढ़ाया गया
ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर रिसर्च को 3 लक्ष्य लेकर आगे बढ़ाया गया। जिसमें पहली सुरक्षा से जुड़ा थी। दूसरी कहीं दुर्घटना या आपदा जैसी स्थिति होने पर प्रभाव को कम करना तो तीसरा लक्ष्य उड़ान की लागत में कमी लाना है। कंप्यूटर से संचालित किए गए ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर का परीक्षण अलियास नामक एक अमेरिकी डिफेंस रिसर्च कार्यक्रम के तहत किया गया।
तालिबान भी करता है इस्तेमाल
ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल अमेरिका, जापान, कोलंबिया, दक्षिण कोरिया, इजरायल, ब्राजील, चीन, मेक्सिको, फिलीपींस, स्लोवाकिया, स्वीडन, ताइवान और तुर्की की सेना और वायु सेना करती है। इसके अलावा हाल में ही ऑस्ट्रेलिया ने भी ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर को खरीदने के लिए अमेरिका के साथ करार किया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि तालिबान के पास भी सीमित संख्या में ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर मौजूद हैं। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी और अफगान फौज की हार के बाद से तालिबान के हाथ कई लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट विमान लगे हैं। कई मौकों पर तालिबान लड़ाकों को ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर उड़ाते हुए दिखाया गया है।