वैश्विक राजनीति में बड़ा भूचाल, भारत ने बांग्लादेश को दिया जोरदार झटका, उठा लिया बड़ा कदम
punjabkesari.in Wednesday, Apr 09, 2025 - 09:13 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तों में एक नया मोड़ आ गया है। वैश्विक राजनीति में इस फैसले को बड़ा भूचाल माना जा रहा है। भारत ने बांग्लादेश को दी जाने वाली 'ट्रांसशिपमेंट सुविधा' को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। इस फैसले को भारत की कूटनीतिक शक्ति और रणनीतिक स्पष्टता के तौर पर देखा जा रहा है।सरकार के इस कदम से न सिर्फ बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा बल्कि दक्षिण एशिया में भारत की भूमिका और भी मजबूत होती दिखाई दे रही है।
क्या थी ट्रांसशिपमेंट सुविधा?
ट्रांसशिपमेंट सुविधा के तहत बांग्लादेश अपने निर्यात माल को भारत के सीमा शुल्क स्टेशनों, एयरपोर्ट्स और पोर्ट्स के जरिए भूटान, नेपाल, म्यांमार जैसे देशों तक पहुंचा सकता था। यह सुविधा जून 2020 में भारत सरकार ने शुरू की थी ताकि बांग्लादेश और उसके पड़ोसी देशों के साथ व्यापारिक संबंध बेहतर हों। लेकिन अब भारत ने 29 जून 2020 के परिपत्र को रद्द कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब बांग्लादेश इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएगा।
यूनुस के बयानों से तिलमिलाया भारत
बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने हाल ही में चीन की चार दिवसीय यात्रा के दौरान बयान दिया था कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र "भूमि से घिरा हुआ" है और समुद्र तक उसकी कोई सीधी पहुंच नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश ही उस क्षेत्र का समुद्री द्वार है और चीन को वहां अपनी आर्थिक मौजूदगी बढ़ानी चाहिए। यूनुस पहले भी ढाका को "महासागर का संरक्षक" बता चुके हैं। उनके इन बयानों को भारत ने रणनीतिक तौर पर खतरनाक और गुमराह करने वालामाना।
CBIC का स्पष्ट आदेश: अब नहीं मिलेगी सुविधा
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने इस फैसले की घोषणा की है। CBIC ने कहा कि तत्काल प्रभाव से ट्रांसशिपमेंट सुविधा को बंद कर दिया गया है। हालांकि जिन कंटेनरों और कार्गो ने पहले ही भारत में प्रवेश कर लिया है, उन्हें पुरानी प्रक्रिया के तहत बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी।
बांग्लादेश की इकोनॉमी को लग सकता है झटका
भारत के इस कदम से बांग्लादेश को आर्थिक झटका लगने की आशंका है। बांग्लादेश का टेक्सटाइल और फुटवियर जैसे क्षेत्रों में अच्छा खासा निर्यात होता है और वह भारत के बाजार में एक मजबूत प्रतिस्पर्धी बनकर उभरा था। अब जब ट्रांसशिपमेंट सुविधा खत्म हो गई है, तो भारत के टेक्सटाइल, फुटवियर और जेम्स-ज्वेलरी जैसे उद्योगों को राहत मिलने की उम्मीद है। भारत के निर्यातकों को इसका सीधा लाभ मिल सकता है।
भारत का जवाब: हमारे पास लंबी समुद्री सीमा है
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूनुस के बयान पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत की करीब 6,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा है। भारत न केवल बिम्सटेक देशों से जुड़ा है बल्कि उन्हें जोड़ने का भी काम करता है। पूर्वोत्तर भारत बिम्सटेक के लिए कनेक्टिविटी हब बन रहा है। इसमें सड़क, रेल, जलमार्ग और पाइपलाइन नेटवर्क शामिल हैं।