बांग्लादेश सरकार ने 10 लाख रोहिंग्‍या शरणार्थियों की मोबाइल सेवाएं की बंद

punjabkesari.in Wednesday, Sep 04, 2019 - 11:23 AM (IST)

ढाकाः बांग्लादेश सरकार ने दक्षिण पूर्व में शिविरों में रह रहे लगभग दस लाख रोहिंग्या शरणार्थियों की मोबाइल सेवाएं बंद करने का आदेश दिया है। सरकार ने इसके पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया। हालांकि यह प्रतिबंध पहली बार नहीं लगाया गया है। बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग बीटीआरसी के प्रवक्ता जाकिर हुसैन खान ने कहा कि दूरसंचार ऑपरेटरों के पास शिविरों में नेटवर्क बंद करने के लिए 7 दिन का वक्त दिया गया है। उन्होंने कहा कि कई शरणार्थी शिविरों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। हुसैन ने कहा कि हमने ऑपरेटरों से इसे बंद करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सुरक्षा कारणों से मोबाइल नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाया है।

 

फैसला सही, रोकेगा अपराध
यह प्रतिबंध पहली बार नहीं लगाया गया है। इससे पहले 2017 में भी मोबाइल सेवा पर बैन लगा था, लेकिन तब इसे सख्ती से लागू नहीं किया गया था।पुलिस प्रवक्ता इकबाल हुसैन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि शरणार्थी म्यांमार से करोड़ों डॉलर मूल्य की मेथम्फेटामाइन गोलियां की तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए मोबाइल फोन का दुरुपयोग कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि शरणार्थियों के खिलाफ नशीले पदार्थों की तस्करी, हत्या, डकैती, गिरोह से लड़ने और पारिवारिक झगड़े के लगभग 600 मामले दर्ज किए गए थे।

 

रोहिंग्या नेता ने जताया एतराज
रोहिंग्या के नेता ने बताया कि इस प्रतिबंध से हमारा जीवन प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि हम म्यांमार के साथी ही दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से अब संपर्क नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा पैसों का लेनदेन भी हम मोबाइल से करते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं कर पाएंगे। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब रोहिंग्या इलाके में मोबाइल सेवा पर प्रतिबंध लगाया गया हो।



शिविरों में रह रहे 10 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी
एक अनुमान के मुताबिक बांग्लादेश में 10 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं। रोहिंग्या पंजीकरण परियोजना के प्रमुख ने बताया कि 1,004,742 रोहिंग्या शरणार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है। उन्हें बायोमीट्रिक पंजीकरण कार्ड दिए गए हैं। बता दें कि म्यांमार की सेना ने अगस्त, 2017 में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी, जिसके बाद करीब 7,00,000 रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार से भाग बांग्लादेश आ गए थे।


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Tanuja

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