B-2 Stealth Bomber: हिंद महासागर से आई तबाही, B-2 बॉम्बर ने उड़ाए ईरान के परमाणु ठिकाने, Video
punjabkesari.in Sunday, Jun 22, 2025 - 12:47 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। हिंद महासागर के मध्य में स्थित डिएगो गार्सिया द्वीप जो एक गोपनीय सैन्य अड्डे के रूप में जाना जाता है हाल ही में एक बड़े सैन्य ऑपरेशन का केंद्र बना। यहीं से अमेरिका ने अपने सबसे घातक हथियार B-2 स्पिरिट न्यूक्लियर स्टील्थ बॉम्बर को उड़ान भरने का आदेश दिया जिसने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया। यह कदम इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़ते तनाव के बीच उठाया गया। इस तैनाती, B-2 बॉम्बर की विशेषताओं और ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों के बारे में विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है।
B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर: 'अदृश्य विनाशक' की ख़ासियतें
B-2 स्पिरिट जिसे स्टील्थ बॉम्बर के नाम से जाना जाता है अमेरिकी वायुसेना का सबसे उन्नत और बेहद महंगा हथियार है। इसकी कीमत 2 बिलियन डॉलर (लगभग ₹16,700 करोड़) प्रति यूनिट है। वर्तमान में अमेरिका के पास केवल 20 B-2 बॉम्बर हैं। यह विमान रडार की पकड़ में नहीं आता जिससे यह दुश्मन के लिए लगभग अदृश्य हो जाता है। शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ के खिलाफ हमले के लिए डिज़ाइन किया गया यह बॉम्बर आज भी दुनिया का सबसे घातक सैन्य हथियार माना जाता है।
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B-2 की तकनीकी विशेषताएं:
- आकार और वज़न: B-2 की लंबाई 69 फीट, पंखों की चौड़ाई 172 फीट और ऊंचाई 17 फीट है। इसका खाली वज़न 71,700 किलोग्राम है लेकिन पूरे हथियारों के साथ यह 1.70 लाख किलोग्राम तक का वज़न लेकर उड़ सकता है।
- गति और ऊँचाई: इसकी अधिकतम गति 1010 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह आमतौर पर 900 किलोमीटर प्रति घंटा की क्रूज़िंग स्पीड पर उड़ता है। यह 50,000 फीट (लगभग 15 किलोमीटर) की ऊँचाई तक उड़ सकता है जिससे यह दुश्मन के रडार और मिसाइलों से बचने में सक्षम होता है।
- चालक दल: इसे केवल दो लोग संचालित करते हैं- एक पायलट और एक मिशन कमांडर।
- रेंज: इसकी रेंज 11,000 किलोमीटर है। हवा में ईंधन भरने की सुविधा के साथ यह और भी लंबी दूरी तय कर सकता है।
यह अमेरीका का B-2 बमवर्षक विमान है जिसे जिसे दो F-35 विमानों द्वारा सुरक्षा प्रदान की जा रही है! 🔥
— Dr. Sheetal yadav (@Sheetal2242) June 22, 2025
इसी विमान से अमेरिका ने आज ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला किया था। pic.twitter.com/GkpR5Rhqki
हथियारों की क्षमता: परमाणु से बंकर बस्टर तक
B-2 बॉम्बर अपनी दो इंटरनल बे (आंतरिक हथियार डिब्बों) में कई प्रकार के हथियार ले जा सकता है जो इसे विभिन्न मिशनों के लिए बहुमुखी बनाते हैं। इसके हथियारों में शामिल हैं:
- पारंपरिक बम: 80 छोटे बम (230 किलोग्राम के Mk-82 या GBU-38) या 36 CBU क्लास बम (340 किलोग्राम)।
- परमाणु बम: 16 B61 या B83 न्यूक्लियर बम जो बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकते हैं।
- बंकर बस्टर बम: दो GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP), जिनका वज़न 13,600 किलोग्राम है और जो 200 फीट गहरे कंक्रीट बंकरों को भेद सकते हैं।
- मिसाइलें: AGM-154 ज्वाइंट स्टैंडऑफ वेपन और AGM-158 ज्वाइंट एयर टू सरफेस स्टैंडऑफ मिसाइल (JASSM) जो सटीक हमले के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
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B-2 की यह क्षमता इसे ईरान के फोर्डो परमाणु साइट जैसे गहरे भूमिगत ठिकानों को नष्ट करने के लिए बेहतरीन है जो पहाड़ों के नीचे 80 मीटर की गहराई में स्थित है।
ईरान-इजरायल युद्ध और अमेरिका की सीधी भूमिका
इजरायल और ईरान के बीच तनाव 2025 में चरम पर पहुँच गया है जिसमें इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपने लिए सीधा खतरा माना है। ईरान ने भी इजरायल पर मिसाइल हमले किए हैं। इस बीच अमेरिका ने इजरायल का खुलकर समर्थन करते हुए B-2 बॉम्बर्स का उपयोग कर ईरान के तीन परमाणु ठिकानों- फोर्डो, नतांज और इस्फहान - पर हमले किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों की घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिकी विमान ईरानी हवाई क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकल आए हैं।
फोर्डो परमाणु साइट: एक अभेद्य लक्ष्य?
ईरान का फोर्डो परमाणु साइट पहाड़ों के नीचे 80 मीटर की गहराई में बना है जिसे सामान्य बमों से नष्ट करना लगभग असंभव है। लेकिन GBU-57 MOP बम जिसे 'बंकर बस्टर' के रूप में जाना जाता है विशेष रूप से ऐसे लक्ष्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह बम 60 फीट कंक्रीट या 200 फीट मिट्टी को भेद सकता है। B-2 बॉम्बर ही एकमात्र विमान है जो इस भारी बम को ले जा सकता है जिससे फोर्डो पर हमला संभव हो पाया।
डिएगो गार्सिया: मध्य पूर्व के लिए रणनीतिक केंद्र
डिएगो गार्सिया हिंद महासागर में एक छोटा सा द्वीप है जो अमेरिका और ब्रिटेन का संयुक्त सैन्य अड्डा है। यह इजरायल से 5842 किलोमीटर और ईरान से 4842 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे मध्य पूर्व, विशेष रूप से ईरान, इजरायल और अन्य क्षेत्रीय देशों पर नज़र रखने और सैन्य कार्रवाई के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाती है। B-2 स्टील्थ बॉम्बर की 11,000 किलोमीटर की रेंज इसे डिएगो गार्सिया से ईरान या इजरायल तक केवल 4-5 घंटे में पहुंचने में सक्षम बनाती है। हवा में ईंधन भरने की सुविधा के साथ यह बॉम्बर बिना रुके लंबी दूरी की उड़ान भर सकता है अपने लक्ष्य को भेदकर सुरक्षित वापस लौट सकता है।
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अमेरिका ने चार B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स को मिसूरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से आठ KC-135 टैंकर विमानों के साथ डिएगो गार्सिया भेजा है। यह तैनाती ईरान के परमाणु कार्यक्रम और इजरायल पर संभावित हमले के खतरे के जवाब में की गई है और इस कदम ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है।
अमेरिकी हमले का तात्कालिक प्रभाव
22 जून 2025 को हुए अमेरिकी हमलों में B-2 बॉम्बर्स ने छह GBU-57 बम (प्रत्येक साइट पर दो) का उपयोग किया। इन हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गंभीर रूप से कमजोर किया है लेकिन यह दावा नहीं किया गया है कि इसे पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इन हमलों ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है जिसमें अपने प्रॉक्सी समूहों (जैसे हिजबुल्लाह, हूती) के माध्यम से इजरायल और अमेरिकी ठिकानों पर हमले शामिल हो सकते हैं।
मध्य पूर्व में अमेरिका की बढ़ी हुई सैन्य रणनीति
B-2 बॉम्बर्स की तैनाती के अलावा अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति को और मजबूत किया है:
- नौसेना की तैनाती: अमेरिका ने अपनी नौसेना के युद्धपोतों को मध्य पूर्व में तैनात किया है जिसमें एयरक्राफ्ट कैरियर और नेवी डिस्ट्रॉयर शामिल हैं।
- अन्य विमान: F-16 फाइटर जेट्स को सऊदी अरब और B-52 बॉम्बर्स को डिएगो गार्सिया में तैनात किया गया है।
- जमीनी बल: अमेरिका ने अपने जमीनी बलों की तैनाती भी बढ़ाई है।
ये कदम न केवल इजरायल की सुरक्षा के लिए बल्कि क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों की रक्षा और ईरान के परमाणु महत्वाकांक्षाओं को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए हैं। यह स्थिति मध्य पूर्व में एक बड़े टकराव की आशंका को बढ़ा रही है।