पाकिस्तान में नहीं थम रहा हिंदुओं पर अत्याचार, 150 परिवारों का जबरन कराया धर्म परिवर्तन
punjabkesari.in Friday, Aug 04, 2023 - 09:43 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान में एक तरफ महंगाई, बेरोजगारी और भुखमरी से लोग त्रस्त हैं। पड़ोसी मुल्क से आए दिन हिंदुओं और हिंदू लड़कियों पर अत्याचार के मामले सामने आते रहते हैं। पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर के बाद पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर आतंक और बढ़ गया है। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को पाकिस्तान पाकिस्तान में शुक्रवार को 150 हिंदू परिवरों के जबरन इस्लाम कबूलने का मामला सामने आया है। टुंडों गुलाम अली इलाके के हाजी पुहूं गांव में खलीली ऑर्गेनाइजेशन द्वारा करीब 150 परिवारों को जबरन इस्लाम कबूल करने पर मजबूर किया गया।
पीड़ित हिंदू व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज
पाकिस्तान में गैर-मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों की एक और घटना में गुरूवार को सिंध के उमरकोट शहर में मुस्लिम रोंझा समुदाय के युवाओं के एक समूह ने दिलीप कुमार मेघवार को पहले बुरी तरह पीटा और फिर उनका सिर मुंडवा दिया। एक मजदूर दिलीप कुमार देर शाम घर लौट रहे थे तभी उन्हें चार मुस्लिम युवकों ने रोका और उनसे पैसे की मांग की। जब उसने विरोध किया तो उसे पीटा गया और हमलावरों ने उसका सिर मुंडवा दिया, जो बाद में उसका फोन और रुपये लेकर भाग गए। जब पीड़ित और उसके परिवार ने सड़क किनारे विरोध किया तो पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ उनकी शिकायत दर्ज करने के बजाय दिलीप कुमार के खिलाफ सार्वजनिक रूप से उपद्रव पैदा करने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप दर्ज किया।
150 हिंदू परिवारों ने कबूला इस्लाम
इस बीच बुधवार यानी 2 अगस्त को सिंध के बादिन जिले में टांडो गुलाम अली के पास हाजी पुनहून चांडियो गांव में पीर तरीकत शरीयत और पीर अयूब जान सरहंदी द्वारा हिंदू सामी मूल के 150 हिंदू परिवारों को इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया है। बेहद खराब वित्तीय स्थिति वाले परिवारों को सामाजिक स्वीकृति, वित्तीय सहायता, नए कपड़े, बेहतर काम, भोजन और आश्रय के वादे के साथ इस्लाम स्वीकार करने का लालच दिया गया था। रिपोर्टों के अनुसार, पीर तरीकत शरीयत के तहत सेवारत खलीली संगठन द्वारा वित्तीय सहायता, भोजन और आश्रय प्रदान किया जाएगा।
इससे पहले भी कई मौकों पर पाकिस्तान में हिंदू को निशाना बनाया गया है। पाकिस्तान के मुसलमान हिंदू बेटी-बेटियों को जबरन उठा ले जातें हैं और उनके साथ निकाह करते हैं। हाल ही में कई ऐसी घटनायें सामने आई हैं। पाकिस्तान की सरकार अल्पसंख्यकों के ऊपर हो रहे अत्याचार को लेकर आंख मूंदकर बैठी है। पाकिस्तान सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों और स्वतंत्रता का एम्बेसडर होने का दावा करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।