दक्षिण चीन सागर पर अपनाया आचार संहिता का फ्रेमवर्क

punjabkesari.in Monday, Aug 07, 2017 - 04:34 PM (IST)

बीजिंग: दक्षिण पूर्व एशिया और चीन के विदेश मंत्रियों ने दक्षिण चीन सागर में आचार संहिता के लिए वार्ता फ्रेमवर्क बनाया है।

इस प्रस्ताव को उन्होंने प्रगति के रूप में सराहा मगर आलोचकों ने कहा कि ये चीन की अपनी समुद्री शक्ति को मजबूत बनाने के लिए समय प्राप्त करने की एक चाल है। ये फ्रेमवर्क दक्षिण चीन सागर में पार्टियों द्वारा 2002 में घोषित आचार संहिता को बनाने का प्रयास है जिसे देवेदार राज्यों विशेषकार चीन द्वारा अनदेखा किया गया था,जिसने विवादित जल क्षेत्र में 7 मानव निर्मित द्वीप बनाए। इनमें से 3द्वीपों में विमानों के लिए रणवे है और ये द्वीप जमीन से हवा में मार करने वाली मिलाइलों और राडारों से लैस है।

इन सभी पक्षों का कहना है कि फ्रेमवर्क का केवल ये अर्थ है कि आचार संहिता को कैसे स्थापित किया जाएगा लेकिन आलोचकों का कहना है कि ये कामयाब नहीं होगा। इसका प्राथमिक मकसद ये है कि आचार संहिता को कानूनी बनाने और लागू करने की जरूरत है। विवाद को हल करने का एक तंत्र होना चाहिए। एेसी प्रस्तुति से ये संदेह पैदा होता है कि ये समझौता कितना प्रभावी होगा।


चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि फ्रेमवर्क को अपनाने से वार्ताकारों के लिए एक ठोस आधार पैदा किया है। ये वार्ता इस वर्ष शुरू हो सकती है। दक्षिण चीन सागर में स्थिति आमतौर पर स्थिर है और इस बात को यकीनी बनाया जाए कि बाहरी देशों का इसमें कोई बड़ा हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दैरान कहा कि इस मामले में वास्तव में बड़ी प्रगति हुई है और दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर खुशी मनाने का माहौल है । 

 


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