बहरीन में ओवैसी की पाकिस्तान को चेतावनी- अगली बार PAK ने दुस्साहस किया तो जवाब उम्मीद से बढ़कर होगा
punjabkesari.in Sunday, May 25, 2025 - 06:20 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाई उजागर करने के अभियान के तहत AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी शनिवार को बहरीन पहुंचे। उन्होंने वहां मौजूद अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पाकिस्तान की दोहरी नीति और आतंकवाद को लेकर उसकी भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए।
#WATCH | Manama, Bahrain: During an interaction with the prominent personalities, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, " ...Our govt has taken all the steps to protect the lives of every Indian. This govt has made very clear next time you (Pakistan) take up this misadventure, it will… pic.twitter.com/pIV0B04e9h
— ANI (@ANI) May 24, 2025
पाकिस्तान पर कड़ा हमला
बहरीन में आयोजित एक उच्चस्तरीय संवाद में ओवैसी ने कहा: "हमारी सरकार ने हमें यहां इसलिए भेजा है ताकि पूरी दुनिया को बताया जा सके कि भारत पिछले कई दशकों से आतंकवाद की मार झेल रहा है। यह खतरा सीधे तौर पर पाकिस्तान से उपजा है, जो आतंकवादी समूहों को बढ़ावा, सहायता और आर्थिक समर्थन देता है। जब तक वह यह रवैया नहीं छोड़ता, तब तक शांति असंभव है।"
ओवैसी ने दो टूक कहा कि अगर पाकिस्तान ने भविष्य में कोई दुस्साहस किया, तो भारत का जवाब उसकी "उम्मीद से कहीं अधिक तीव्र और निर्णायक" होगा।
भारत की एकता और मजबूती
राजनीतिक मतभेदों के बावजूद देश की एकता पर जोर देते हुए AIMIM नेता ने कहा: "भारत में राजनीतिक भले ही अलग-अलग विचार हों, लेकिन जब बात राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता की आती है, तो हम सब एकजुट हैं। हमारी सरकार ने हर भारतीय की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं।"
बहरीन से FATF में सहयोग की अपील
ओवैसी ने बहरीन सरकार से अपील की कि वह पाकिस्तान को एक बार फिर FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) की ग्रे लिस्ट में डलवाने के लिए भारत का समर्थन करे। उन्होंने कहा: "पाकिस्तान का धन आतंकवादियों के हाथों में जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा को खतरा है। FATF जैसे मंचों पर पाकिस्तान पर दबाव बनाए रखना जरूरी है।"
‘ऑपरेशन सिंदूर’: वैश्विक अभियान
भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत 7 डेलीगेशन दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भेजे हैं ताकि वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और भारत की कार्रवाई की जानकारी साझा कर सकें:
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21 मई को 2 डेलीगेशन रवाना हुए
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22 मई को 1 डेलीगेशन विदेश गया
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24 मई (शनिवार) को 4 डेलीगेशन और विदेशों के लिए रवाना हुए
इन प्रतिनिधिमंडलों में पूर्व राजनयिक, सांसद, विशेषज्ञ और नीति निर्माताओं को शामिल किया गया है। इनका मकसद भारत के पक्ष को स्पष्ट करना और आतंक के खिलाफ वैश्विक एकजुटता को मजबूत करना है।