ट्रंप के टैरिफ से बचने के लिए Apple की चालाकी! भारत से iPhone से भरे 5 विमान अमेरिका भेजे गए
punjabkesari.in Wednesday, Apr 09, 2025 - 08:55 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: Apple ने अमेरिकी टैरिफ की मार से बचने के लिए तेज़ी से कदम उठाया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च के आखिरी दिनों में Apple ने भारत और कुछ अन्य बाजारों से iPhone से भरे पांच विमान अमेरिका भेजे, ताकि 5 अप्रैल से लागू होने वाले 10% टैरिफ से बचा जा सके। रिपोर्ट बताती है कि सिर्फ तीन दिनों में यह पूरा ऑपरेशन पूरा किया गया, जो Apple की रणनीतिक तेजी और तैयारी को दर्शाता है।
कैसे हुआ ऑपरेशन?
Apple ने भारत और चीन में अपने मैन्युफैक्चरिंग हब्स से बड़े पैमाने पर iPhone स्टॉक को अमेरिका भेजा और यह ‘रश शिपमेंट’ इसलिए किया गया ताकि नई टैरिफ दरें लागू होने से पहले स्टॉक अमेरिका के गोदामों में पहुंच जाए। अब अमेरिका में ऐसे iPhones का स्टॉक हो गया है जो कई महीनों तक बिक्री के लिए पर्याप्त होगा।
क्यों जरूरी था ऐसा करना?
5 अप्रैल से अमेरिका में 10% टैरिफ लागू हुआ और 9 अप्रैल से अधिकतम 54% तक का टैरिफ लागू हो गया है, खासकर चीन से आने वाले सामानों पर। इसका मतलब है कि iPhone जैसे उत्पादों का आयात महंगा हो जाएगा, बिक्री की कीमतें बढ़ानी पड़ेंगी साथ ही Apple की मार्जिन और प्रोफिटेबिलिटी पर असर पड़ेगा Apple ने इससे बचने के लिए पहले ही बड़ा स्टॉक अमेरिका भिजवा दिया है।
भारत बना Apple की उम्मीद
Apple ने भारत में बने iPhone अमेरिका भेजे हैं
भारत में पहले ही
-
iPhone SE
-
iPhone 12, 13, 14
-
और कुछ AirPods मॉडल का निर्माण हो रहा है
भारत से निर्यात पर केवल 26% टैरिफ लगता है
जबकि चीन से भेजे प्रोडक्ट्स पर 54% टैरिफ लग रहा है
यानी 28% का अंतर Apple के लिए बहुत बड़ा लाभ हो सकता है
क्या इसका असर भारत पर होगा?
हां, और सकारात्मक असर हो सकता है:
-
Apple भारत में अपना उत्पादन और बढ़ा सकता है।
-
भारत को निर्माण हब की तरह विकसित किया जा सकता है।
-
इससे भारत को नौकरियां और निवेश मिल सकता है।
-
भारत से अमेरिका को iPhone का निर्यात बढ़ सकता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि Apple की चीन पर निर्भरता कम होगी और भारत को एक बड़ा मौका मिलेगा
अधिकारियों की क्या राय है?
एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी के अनुसार “Apple टैरिफ से बचना चाहता था और इसी वजह से मार्च में स्टॉक अमेरिका भेजा गया।” उन्होंने बताया कि Apple अभी अमेरिका में कीमत नहीं बढ़ाएगा लेकिन अगर टैरिफ लम्बे समय तक बने रहते हैं तो कंपनी को कीमतें बढ़ानी पड़ सकती हैं