'भारत के लिए अवसर है ट्रंप की अफगान नीति'

punjabkesari.in Wednesday, Aug 23, 2017 - 02:17 PM (IST)

वाशिंगटन: युद्ध की त्रासदी झेल रहे अफगानिस्तान में भारत की भूमिका में विस्तार की इच्छुक अमरीकी नीति नई दिल्ली के लिए एक अवसर है जिसके तहत वह अमरीका के साथ मिलकर अफगानिस्तान को वह रूप दे सकता है, जैसा पड़ोसी वह अपने लिए चाहता है साथ ही यह नीति पाकिस्तान के लिए संकेत है कि इस मामले में अब उसकी भूमिका पहले की भांती मजबूत नहीं रह गई है।  


आतंकवाद को समर्थन देने के लिए PAK को चेतावनी
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कल के संबोधन के बाद नीति विश्लेषकों ने उक्त निष्कर्ष निकाला है। ट्रंप ने कल अपनी दक्षिण एशिया नीति का खुलासा किया जिसमें उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण भाग भारत के साथ अमरीका के रणनीतिक संबंधों का विकास है और उन्होंने आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को चेतावनी दी। साऊथ एशिया सेन्टर के निदेशक भारत गोपालस्वामी का कहना है कि अफगानिस्तान में भारत की विस्तृत भूमिका की अपील का अर्थ है कि अमरीका चाहता है कि नई दिल्ली युद्ध से जर्जर अपने पड़ोसी देश में और ज्यादा आर्थिक निवेश करे। गोपालस्वामी ने कहा कि नई रणनीति भारत को अमरीका के साथ मिलकर काम करने और एेसे अफगानिस्तान का निर्माण करने का भी अवसर देती है, जैसा कि वह चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत अमरीका का महत्वपूर्ण सुरक्षा और आर्थिक साझेदार है। 


ट्रंप ने भारत के अमरीका के साथ अरबों डॉलर के व्यापार का जिक्र किया और कहा कि यह भी एक कारण है कि वह चाहता है कि नई दिल्ली अफगानिस्तान में अपनी आर्थिक और विकास सहायता बढ़ाए। गोपालस्वामी ने कहा कि पहले से ही भारत अफगानिस्तान में बांध और वहां के संसद भवन के निर्माण जैसी विकास परियोजनाओं में शामिल है। लेकिन उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारत को अफगानिस्तान में वर्तमान के मुकाबले और बड़ी भूमिका निभाने की चुनौती दी है। अमरीकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के रेजीडेंट फेलो सदानंद धुमे ने इस नई नीति को स्वागत योग्य कदम बताया है। उन्होंने मीडिया से कहा,भारत को अफगानिस्तान में अमरीका का सहयोगी कहे जाने का स्वागत करना चाहिए। यह स्पष्ट संकेत है कि अब वाशिंगटन इस्लामाबाद की भावनाओं पर ज्यादा ध्यान नहीं देगा और अफगानिस्तान भारत की सीमा सुरक्षा की दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। 


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