हार्वे तूफान से प्रभावितों की मदद के लिए अमरीकी कंपनियों ने बढ़ाया हाथ
punjabkesari.in Sunday, Sep 03, 2017 - 10:37 AM (IST)
वॉशिंगटन: अमरीका में तूफान हार्वे के शिकार हुए लोगों की मदद के लिए अमरीका के मशहूर कारोबारियों ने मदद और राहत एवं बचाव कार्य के लिए 17 करोड़ डॉलर की मदद की।
हार्वे तूफान से राहत एवं बचाव के लिए कारोबारियों ने बढ़ाया हाथ
अमरीका के चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक, कंपनियों ने राहत एवं बचाव कार्य के लिए 17 करोड़ डॉलर की राशि दी है। ह्यूस्टन के निवासी और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के करोड़पति कारोबारी माइकल डेल ने हार्वे तूफान से राहत एवं बचाव के लिए 3.6 करोड़ डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई हैं। डेल कंपनी के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी माइकल डेल और उनकी पत्नी सुसान ने टेक्सास के गवर्नर ग्रेग अबॉट के साथ शुक्रवार को रीबिल्ड टेक्सास फंड शुरू करने की घोषणा की। इस फंड का लक्ष्य दीर्घकालीन पुनर्निमाण और क्षति से उभरने समेत तात्कालिन राहत एवं बचाव कार्य के लिए 10 करोड़ डॉलर से अधिक राशि इकट्ठा करना है।
Susan and I are committing $36 Million to https://t.co/KKR25PjlPV Please join in next 4 days to reach $100 Million goal! @MSDF_Foundation
— Michael Dell (@MichaelDell) September 1, 2017
एक लाख से अधिक घरों को पहुंचा नुकसान
टेक्सास प्रांत के अधिकारियों ने बताया कि इस तूफान में 1,85,000 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है और 9 हजार घर ध्वस्त हो गए हैं। नदियों और अन्य जल स्रोतों के भराव के बीच 42 हजार लोग रैन बसेरों में रहने को मजबूर हैं। इस तूफान के कारण अमरीका के इतिहास की सबसे भारी बारिश हुई है जिससे भी टेक्सास प्रभावित हुआ है। प्रशासन बचे हुए लोगों की तलाश कर रही है और लोगों को छतों से निकालने के लिए राहत एवं बचाव कार्य में हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है।
माइकल और सुसान ने अपने बयान में कहा कि ‘यह आपदा हर वैसे लोगों की निजी क्षति है जिसकी जड़ें टेक्सास से जुड़ी हैं। हम दोनों टेक्सास में पैदा हुए और यहीं बड़े हुए। ह्यूस्टन की जिन गलियों में माइकल बड़े हुए वह अभी पानी में डूबा हुआ है’। रिपोर्ट के मुताबिक वालमार्ट ने दो करोड़ डॉलर और वेरीजॉन ने एक करोड़ डॉलर की मदद की है। एनर्जी से लेकर एयरलाइन क्षेत्र तक की कंपनियां मदद के लिए सामने आ रही हैं। बता दें कि हार्वे अमरीका के इतिहास के सबसे त्रासद तूफानों में से एक है जिसमें अब तक कम से कम 50 लोगों की मौत हो चुकी हैं।