एयरहोस्टेस ने बचाई 37 यात्रियों की जान, जलते विमान से उन्हें धक्का देकर किया बाहर

punjabkesari.in Tuesday, May 07, 2019 - 07:47 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः मॉस्को के शेरेमेटयेवो एयरपोर्ट पर हुए विमान हादसे में एक एयरहोस्टेस की वजह से 37 यात्रियों की जान बच गई। रिपोर्ट के मुताबिक, "आग लगने के बाद विमान की इमरजेंसी लैडिंग के वक्त हालात बेहद खराब थे। विमान के पिछले हिस्से में आग लगने और धुंआ होने की वजह से यात्री परेशान और बेहद घबराए हुए थे, जैसे ही विमान रुका, एयरहोस्टेस तात्याना कसाटकिना ने तेजी दिखाते हुए यात्रियों की कॉलर पकड़ी और धक्का देकर विमान से बाहर कर उनकी जान बचाई। इस हादसे में 41 यात्रियों की मौत हो गई।

34 वर्षीय तात्याना ने बताया कि जैसे ही विमान रुका मैंने दरवाजे को किक मारकर खोला और उन यात्रियों को जबरन विमान से निकालना जो अपने बैग या दूसरे सामान लेने की वजह से इमरजेंसी स्लाइड से बाहर निकलने में देरी कर रहे थे। मैंने पीछे से यात्रियों की कॉलर पकड़ा और धक्का देना शुरु कर दिया। हम जल्द से जल्द विमान को खाली करना चाहते थे। क्योंकि पिछला हिस्सा आग की चपेट से नष्ट हो चुका था। आग हमारी ओर बढ़ रही थी। धुंआ लगातार बढ़ता ही जा रहा था।

इस हादसे में बचे यात्रियों ने तात्याना की तारीफ की। उन्होंने बताया कि कुछ यात्रियों के उनके सामान के लिए आपातकालीन निकासी को प्रभावित किया। एयरहोस्टेस ने सही वक्त पर तेजी से फैसला लिया और हमारी जान बचाई गई। दमित्री ख्लेबनिकोव ने बताया कि नया जीवन देने के लिए मैं भगवान और एयरहोस्टेस का शुक्रिया अदा करता हूं। जब विमान के अंदर अंधेरा, आग और धुंआ था, तब एयरहोस्टेस हमारे साथ रही।

रूसी एयरलाइन के सुखोई सुपरजेट में रविवार को टेकऑफ के बाद अचानक आग लग गई। जैसे ही पायलट को पता चला। विमान की इमरजैंसी लैडिंग कराई गई। लैडिंग के लिए आते विमान के पिछले हिस्से में ऊंची-ऊंची लपटें उठती रहीं। लैंडिंग के तुरंत बाद यात्रियों को तेजी से बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक बेहद नुकसान हो चुका था। 2 बच्चों समेत 41 लोगों की मौत चुकी थी। 9 लोग जख्मी हुए। इनमें तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। विमान में पांच क्रू मेंबर समेत 78 यात्री सवार थे। यह फ्लाइट मॉस्को से मुरमांस्क जा रही थी।


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Yaspal

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