डिप्लोमेसी फेल, अब हथियार बोलेंगे: ईरान पर हमले को तैयार अमेरिका, दुनिया की सांसें अटकी
punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 01:27 PM (IST)

International Desk: मध्य पूर्व एक बार फिर तनाव की आग में झुलसने को तैयार है। अमेरिका अब साफ कर चुका है कि ईरान को सिर्फ बातचीत से काबू में नहीं लाया जा सकता। इसलिए बातचीत के साथ-साथ फील्ड में भारी सैन्य तैनाती कर दी गई है। अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने चेताया है कि अगर ईरान या उसके समर्थित गुटों ने अमेरिका या उसके साथियों पर हमला किया तो अमेरिका 'सीधा' और 'निर्णायक' जवाब देगा।
अमेरिका ने ऐसे घेरा ईरान
यह तैनाती किसी साधारण रक्षा तैयारी का हिस्सा नहीं, बल्कि ईरान के लिए साफ संदेश है - अगर बातचीत नाकाम रही, तो सीधी कार्रवाई होगी।
B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स: हिंद महासागर के डिएगो गार्सिया द्वीप में अमेरिका ने 6 B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स तैनात कर दिए हैं।
एयरक्राफ्ट कैरियर: USS Harry S. Truman पहले से मिडिल ईस्ट में मौजूद है। अब USS Carl Vinson भी पहुंच गया है, जिसमें 90 फाइटर जेट्स और 6000 से ज्यादा जवान हैं।
एयर डिफेंस सिस्टम: इजरायल में अमेरिकी THAAD डिफेंस सिस्टम भी तैनात कर दिया गया है।
मजबूत मिलिट्री नेटवर्क: साइप्रस से लेकर इजरायल तक अमेरिका ने व्यापक सैन्य कॉर्डिनेशन कर लिया है।
परमाणु समझौते पर 'आखिरी' कोशिश
आज ओमान में ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु मुद्दे पर बैठक हो रही है। ईरान ने साफ किया है कि बैठक की कोई तस्वीर जारी नहीं की जाएगी, जिससे संकेत मिलते हैं कि दोनों पक्ष सीधे आमने-सामने बातचीत कर रहे हैं। ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि "हम कूटनीति को एक आखिरी मौका दे रहे हैं।"हालांकि, ईरान के सुप्रीम लीडर के सलाहकार अली शमखानी ने कहा कि बातचीत अप्रत्यक्ष होगी और ईरान निष्पक्ष समझौते की तलाश में है।
एक डिप्लोमेटिक सूत्र ने बताया कि ईरान अब अपने मिलिशिया गुटों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। सूत्र के अनुसार, "ईरान मानता है कि उसके समर्थित गुट अपने लक्ष्य हासिल करने में नाकाम रहे हैं और अब वह अपने मिसाइल कार्यक्रम को बचाना चाहता है।" दूसरी तरफ, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर बातचीत विफल होती है तो सैन्य कार्रवाई तय है। इसीलिए अमेरिका ने इस क्षेत्र में अपनी स्ट्राइक क्षमता को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ा दिया है।