पाक राजदूत की नियुक्ति का मामला फंसा, अमरीका से नहीं मिली हरी झंडी

punjabkesari.in Thursday, May 03, 2018 - 05:36 PM (IST)

इस्लामाबादः विभिन्न अदालतों में दी गई चुनौती के चलते पाकिस्तान के नए राजदूत के रूप में अली जहांगीर सिद्दीकी की नियुक्ति को अमरीकी सरकार ने नामंजूर कर दिया है।  वहीं पाकिस्तान में भी उनकी नियुक्ति को लेकर विरोध शुरू हो गया है। इसी कारण सिद्दीकी की नियुक्ति का मामला फंसता जा रहा है। 

पाकिस्तान की संघीय सरकार ने मार्च में घोषणा की थी कि वह कराची के कारोबारी अली जहांगीर सिद्दीकी को अमरीका में पाकिस्तान का राजदूत नियुक्त करना चाहती है। डॉन न्यूज के अनुसार पाकिस्तान ने लगभग 2 महीने पहले संबंधित दस्तावेज अमरीका भेजे थे और अब वह उसकी सहमति का इंतजार कर रही है। सहमति किसी राजनयिक प्रतिनिधि को उस देश की मंजूरी होती है जहां उसे नियुक्त किया जाना होता है। राजनयिक नियम मेजबान सरकार को दूसरी सरकार से यह कहने की अनुमति नहीं देते कि राजदूत के रूप में किसे भेजा जाए, लेकिन वे मेजबान सरकार को नियुक्ति मंजूर करने के लिए बाध्य भी नहीं करते।

वाशिंगटन में पर्यवेक्षकों ने कहा कि सिद्दीकी के सहमति दस्तावेजों को मंजूरी देने में अमरीका की अनिच्छा पाकिस्तान में हुए इन घटनाक्रमों से जुड़ी है। उन्होंने उल्लेख किया कि क्योंकि नियुक्ति एक ऐसी सरकार द्वारा की गई है जिसका कार्यकाल एक महीने से कम समय में पूरा होने जा रहा है, इसलिए अमरीका प्रक्रिया को जल्द अंजाम देने को लेकर कोई दबाव महसूस नहीं करता। मई के अंत तक पाकिस्तान को एक नई अंतरिम सरकार मिल जाएगी और मंजूरी में तब तक विलंब होता है तो वर्तमान राजदूत एजाज अहमद चौधरी आम चुनावों तक इस पद पर बने रहेंगे। अगला राजदूत जून या जुलाई में आम चुनावों के बाद बनने वाली सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा।

मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया है कि सिद्दीकी की नियुक्ति का आदेश सीधे प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से आया था। सिद्दीकी अपना नया कार्यभार घोषित होने से पहले आर्थिक और कारोबारी मुद्दों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक थे। वह जेएस बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष भी हैं जिसके मालिक उनके पिता जहांगीर सिद्दीकी हैं। अली जहांगीर पूर्व में एअर-ब्लू में निदेशक भी रह चुके हैं जो प्रधानमंत्री के परिवार से संबद्ध है। उनके नए कार्यभार को पाकिस्तान की विभिन्न अदालतों में चुनौती दी गई है। वहीं, नेशनल असेंबली और सीनेट में विपक्षी सांसदों ने इसे खारिज कर दिया है। 

 

 


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Tanuja

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