IFRAS रिपोर्ट में दावा: अफगानिस्तान में तालिबान कब्जे के बाद पाकिस्तान पर बढ़े आतंकी हमले
punjabkesari.in Thursday, Jan 06, 2022 - 11:49 AM (IST)
पेशावरः पाकिस्तान को अफगानिस्तान पर कब्जे के लिए तालिबान की मदद करना भारी पड़ने लगा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तालिबान के नियंत्रण करने के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी हमले तेज हो गए हैं। इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट एंड सिक्योरिटी (IFRAS) ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पिछले साल मई के महीने में तालिबान ने अफगानिस्तान के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के समर्थन और लगभग 6,000 तहरीक-ए-तालिबान लड़ाकों की मदद से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके अलावा, पाकिस्तान स्थित कई अन्य सुन्नी चरमपंथी समूहों ने तालिबान की मदद की। एक पाकिस्तानी थिंक टैंक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2021 में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों की संख्या में अचानक 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि पिछले छह वर्षों के दौरान यहां आतंकवादी हमलों में कमी आई थी। साल 2021 में पाकिस्तान में 294 हमले हुए थे। 388 लोग मारे गए और 606 घायल हो गए।
रिपोर्ट पर न तो इस्लामाबाद और न ही काबुल ने कोई टिप्पणी की है। लेकिन इतना कि इन दोनों देशों ने ISIS को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश की है। पाकिस्तान का बलूचिस्तान बेहद संवेदनशील इलाका बना हुआ है। यहां 103 आतंकी हमलों में 170 लोग मारे गए हैं। साथ ही यहां घायलों की संख्या भी काफी अधिक है। साथ ही खैबर-पख्तूनख्वा आतंकी हमले के मामले में दूसरा सबसे संवेदनशील इलाका है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में स्थिति में बदलाव के परिणामस्वरूप इस क्षेत्र में आईएसआईएस का प्रभाव बढ़ रहा है और अब यह काबुल में नए शासन को चुनौती दे रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका के अफगानिस्तान से हटने और तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ISIS-K ने तालिबान पर कई हमले किए हैं। इसके अलावा यह खूंखार गुट हाल ही में पाकिस्तान में हुए कुछ आतंकी हमलों में भी शामिल रहा है।