अफगानिस्तान में बढ़ा खाने और ठंड का संकट, घरेलू सामान बेचने को मजबूर हुए लोग
punjabkesari.in Thursday, Nov 24, 2022 - 05:11 PM (IST)
काबुल: तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था बदहाल है। अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति (ICRC) ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान की आधी आबादी यानी 20 मिलियन (2 करोड़) लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। ICRC के मुताबिक तालिबान के कब्जे के बाद से अफगान लोग भूखे मर रहे हैं। वे अपने ही देश में सुख-शांति से जीवन व्यतीत करना भूल गए हैं। अफगानी नागरिकों को दो वक्त का खाना खाने के लिए मजबूरन अपने घरों का सामना बेचना पड़ रहा है।
अफगानिस्तान में लोगों की आर्थिक स्थिति इस कदर खराब हो चुकी है कि लोगों को देश भर में सड़कों के किनारे अपने घरेलू पुराने सामानों की बिक्री करते हुए देखा जा सकता है। यहां तक कि कई औरतें ठंड से बचने के लिए जरूरी सामान व राशन खरीदने के लिए अपनी मासूम बच्चियों तक को बेचने को मजबूर हैं। ICRC के मुताबिक अफगानिस्तान में आर्थिक चुनौतियों के साथ-साथ अब सर्दी से भी लाखों लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। ICRC ने ट्वीट किया, “स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की तत्काल आवश्यकता है।”
इस बीच, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा कि आने वाली सर्दियों में संभावित भुखमरी की तैयारी में, अफगानिस्तान के कुछ सबसे दूरस्थ स्थानों में 34 सुरक्षित भंडारण स्थान बनाए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने एक नई रिपोर्ट में कहा है कि अफगानिस्तान में 13.1 मिलियन बच्चों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है।
इससे पहले OCHA अफगानिस्तान ने भी ट्वीट कर जानकारी दी थी कि 19 मिलियन (1 करोड़ 90 लाख) लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। 25 मिलियन (2.5 करोड़) गरीबी से परेशान लोग हैं। 5.8 मिलियन (58 लाख) लोग लंबे समय से आंतरिक विस्थापन में हैं और हजारों की संख्या में लोग प्राकृतिक आपदाओं के चलते बेघर हो गए हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने पहले भी ट्वीट करते हुए लिखा था कि देश की अधिकांश आबादी को मानवीय सहायता की सख्त जरूरत है।