वेनेजुएला-यूक्रेन पर अमेरिका का खेल ‘ब्लफ़ या तबाही’ ! CIA विश्लेषक ने रणनीति पर उठाए गंभीर सवाल
punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 04:39 PM (IST)
Washington: अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA में वर्षों तक विश्लेषक रहे लैरी जॉनसन ने वेनेजुएला और यूक्रेन को लेकर अमेरिकी रणनीति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनके अनुसार, वेनेजुएला के आसपास अमेरिका की सैन्य तैनाती या तो दबाव बनाने की रणनीति है या फिर एक ऐसी भूल, जो अमेरिका को भारी नुकसान में धकेल सकती है। जॉनसन ने कहा कि वेनेजुएला का आकार वियतनाम से तीन गुना बड़ा है और वहां का इलाका भी घने जंगलों से भरा है। वियतनाम युद्ध में अमेरिका ने पांच लाख से अधिक सैनिक झोंके थे और फिर भी हार झेली थी। आज अमेरिका की कुल थलसेना ही लगभग 4.7 लाख है, जबकि वेनेजुएला के आसपास केवल करीब 18 हजार सैनिक तैनात हैं।
🚨 EX-CIA ANALYST EXPOSES THE VENEZUELA PLAYBOOK & THE FUTURE OF THE UKRAINE WAR
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) December 12, 2025
Former CIA analyst Larry Johnson spent years inside the CIA's analytical division.
He watched the agency help orchestrate the Panama invasion in 1988.
Now he's watching Trump's Venezuela buildup… https://t.co/zci2VVR2np pic.twitter.com/BAMYdU1wJd
उन्होंने ध्यान दिलाया कि इस ऑपरेशन की अगुवाई सदर्न कमांड नहीं, बल्कि स्पेशल ऑपरेशंस कमांड कर रहा है। डेल्टा फोर्स और सील टीम-6 जैसे दस्ते छापेमारी और बंधक बचाव के लिए होते हैं, न कि पारंपरिक युद्ध के लिए। इससे संकेत मिलता है कि पूर्ण आक्रमण की संभावना कम है। जॉनसन के अनुसार, वेनेजुएला मुद्दे का असली कारण न तो ड्रग्स हैं और न ही लोकतंत्र, बल्कि तेल और वेनेजुएला को BRICS में शामिल होने से रोकना है। अमेरिका नहीं चाहता कि रूस, चीन और ईरान का प्रभाव लैटिन अमेरिका में और बढ़े।
यूक्रेन युद्ध पर उन्होंने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि शवों के आदान-प्रदान में 1 रूसी सैनिक के बदले 38 यूक्रेनी सैनिकों के शव लौटाए जा रहे हैं, जो जमीनी हकीकत को दर्शाता है। उनके मुताबिक 2022 के बाद रूस की जमीनी सेना 3 लाख से बढ़कर 15 लाख तक पहुंच गई है।प्रतिबंधों पर जॉनसन ने कहा कि रूस की अर्थव्यवस्था टूटने के बजाय और आत्मनिर्भर हुई है। रूस का कर्ज़-से-GDP अनुपात करीब 19 प्रतिशत है, जबकि अमेरिका का 127 प्रतिशत। एक रूसी अर्थशास्त्री के हवाले से उन्होंने कहा, “हम अपने चारों ओर दीवार खड़ी कर सकते हैं, हमें किसी आयात की जरूरत नहीं।”
