इटली में कोरोना वायरस के 651 और लोगों की मौत, अब तक मरने वालों का आंकड़ा 5500 पार

punjabkesari.in Sunday, Mar 22, 2020 - 11:17 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस से इटली में पिछले 24 घंटों में 651 लोगों की मौत हो गई और इससे मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 5500के पार पहुंच गई है। देश के नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख एंजेलो बोरेली ने शनिवार को इसकी सूचना दी। उन्होंने कहा,‘‘पिछले 24 घंटों में यहां कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 651 और लोग कोरोना से मर चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस से 943 लोग ठीक हुए हैं और अब तक कुल 6062 लोगों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है। गौरतलब है कि इटली में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस से 4800 लोग संक्रमित हुए हैं और अब तक कुल करीब 50 हजार लोग इससे संक्रमित हैं।
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शहर का एकमात्र अस्पताल
इटली के लोम्बार्डी इलाके के छोटे से शहर क्रेमोनो में अब तक 3000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जबकि मरने वालों की संख्या 200 पार कर चुकी है। क्रेमोना शहर के एकमात्र अस्पताल में अब सिर्फ कोरोना के मरीज है जबकि बाकी किसी भी तरह के मामलों को लेने से अस्पताल मना कर चुका है। कोरोना के नए मरीज़ो की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन आईसीयू में उनके लिए बेड कम पड़ रहे हैं। हालांकि यहां अस्पताल के अंदर हर जगह पर जहां कहीं भी संभव हो पा रहा है वहां बेड लगाए जा रहे हैं। अस्पताल के गेट पर भी 60 बेड लगा दिए गए हैं। लेकिन यह अभी भी काफी नहीं है। हर दिन नए मामले सामने आ रहे हैं।
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ऐसे बना कोरोना अस्पताल
इस अस्पताल में कोरोना के मरीजों के अलावा अगर कोई है तो वो हैं यहां के बाकी बचे डॉक्टर और उनके सहकर्मी या नर्स। यहां काम करने वाले लोग अब 12-12 घंटे तक काम कर रहे हैं। इटली मीडिया के अनुसार, यहां काम करने वाले कहते हैं कि "हम प्रोफे़शनल लोग हैं, लेकिन हम पूरी तरह से अब थक चुके हैं। ऐसा लग रहा है कि हम किसी सुरंग में हैं। हम सब डर हुए हैं। हमारे साथियों को हर वक्त डर रहता है, हम घर जाने के बाद भी मानसिक रूप से थके और घबराए रहते हैं। चारों और से घिरे इस अस्पताल के हालत ऐसे हैं कि इटली इस अस्पताल को अब कोरोना अस्पताल के नाम से जानता है।
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मरीजों से घिरे डॉक्टरों का ऐसा है हाल
कोरोना अस्पताल में दिन-रात बिताने वाले डॉक्टर और नर्से हर दिन मौतों को देखकर निराश हो जाते हैं लेकिन लोगों का उन्हें शुक्रिया कहना सुकून दे जाता है। इटली मीडिया की एक खबर के अनुसार, यहां काम कर रही टीम बताती है कि ‘’यह बहुत मुश्किल भरा समय है लेकिन वो एक-दूसरे को संभाल लेते हैं। कभी-कभी हम सब भी हताश हो जाते हैं और हम रोने लगते हैं। सबसे बुरा तब लगता है जब हमारे मरीज के हालत में सुधार नहीं होता है।’’

 


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Yaspal

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