5 साल पहले लांघी थी सरहद, अब गंभीर बिमारी के साथ लौटेगा अपने देश

punjabkesari.in Tuesday, May 01, 2018 - 03:11 PM (IST)

इस्‍लामाबाद : 5 साल पहले पानी की तलाश 15-16 साल के जतिंद्र अरजनवारा ने सरहद लांघी थी। उसे नहीं पता था कि इसी पल से उसकी जिंदगी का मुश्किल समय शुरु हो गया है। आज उसकी उम्र 21 साल है, पर वह इस तरह के 'ब्‍लड डिसॉर्डर' का शिकार हो चुका है कि उसकी जान पर आफत आ गई है।पाकिस्‍तान के कराची में मलीर जेल में बंद यह युवक जतिंद्र अरजनवारा है, जिसे जिंदा रहने के लिए नियमित तौर पर उसका रक्‍त बदले जाने की जरूरत है। अब बाघा बॉर्डर के जरिए उसकी स्‍वदेश वापसी होगी और वह एक बार फिर अपनी मिट्टी में लौट सकेगा, जिसके लिए  4 मई की तारीख तय की गई है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस्‍लामाबाद स्थित भारतीय उच्‍चायोग के अधिकारी इसके लिए उसे इमरजेंसी पासपोर्ट मुहैया कराएंगे। पाकिस्‍तान में भारतीय उच्‍चायुक्‍त अजय बिसारिया के अनुसार, जतिंद्र को बाघा बॉर्डर से अमृतसर भेजा जाएगा, जहां से विदेश मंत्रालय और पंजाब सरकार के अधिकारी उसे उसके घर भेजने का प्रबंध करेंगे।जतिंद्र 2013 में अपनी सीमा लांघ पाकिस्‍तान की सरहद में पहुंच गया था, जिसके बाद उसे सिंध प्रांत के हैदराबाद जुवेनाइल जेल ले जाया गया। वहीं बैरिस्‍टर हया जाहिद की नजर उस पर गई, जो जेल में स्‍वच्‍छता की स्थिति का जायजा लेने वहां पहुंची थीं। 

हया जाहिद ने फरवरी में जतिंद्र के मुद्दे को मानवाधिकार के मंच पर उठाया, जिसने उसकी स्‍वदेश वापसी के मुद्दे को विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज और विदेश सचिव विजय गोखले के समक्ष उठाया। अप्रैल में पाकिस्‍तान स्थित भारतीय उच्चायोग ने मूल रूप से मध्‍य प्रदेश के रहने वाले जतिंद्र के भारतीय होने की पुष्टि की और उसे स्‍वदेश भेजे जाने की मांग उठाई।इस बीच पाकिस्‍तानी कार्यकर्ताओं ने जतिंद्र की मुलाकात की। उसे उसकी मां का एक वीडियो भी दिखाया और बताया कि उसके पिता अब नहीं रहे। इस पर वह उन लोगों से बस इतना ही कह सका कि 'मुझे घर भेज दो।' तमाम कोशिशों के बाद पाकिस्‍तान के गृह मंत्रालय ने अब उसकी रिहाई पर मुहर लगाई है।
 


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Isha

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