VIDEO: जर्मनी के म्यूनिख में भीड़ पर चढ़ गई बेकाबू कार, 28 लोग घायल
punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2025 - 12:07 PM (IST)
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International Desk: जर्मनी के म्यूनिख शहर में एक कार ने लोगों की भीड़ में घुसकर कम से कम 28 लोगों को घायल कर दिया। यह घटना म्यूनिख के केंद्रीय रेलवे स्टेशन के पास दचाउर स्ट्रासे और सीडलस्ट्रासे के क्षेत्र में हुई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चालक को मौके पर ही हिरासत में ले लिया, और अब उससे कोई और खतरा नहीं है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना एक ट्रेड यूनियन द्वारा आयोजित प्रदर्शन के दौरान हुई, जब एक सफेद मिनी कूपर कार ने प्रदर्शनकारियों को टक्कर मारी। घटना के बाद, पुलिस और आपातकालीन सेवाओं ने तुरंत क्षेत्र को घेर लिया और घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान की। यह घटना म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से एक दिन पहले हुई है, जिसमें अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के शामिल होने की उम्मीद है। पुलिस वर्तमान में घटना के कारणों की जांच कर रही है और जनता से अटकलों से बचने का आग्रह किया है।
🚨🇩🇪MUNICH ATTACKER SCREAMED “ALLAH” AFTER RAMMING CROWD
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) February 13, 2025
New footage shows the Afghan terrorist repeatedly shouting “Allah” after today’s car ramming attack. Reports confirm he shared Islamist propaganda online.pic.twitter.com/snqIpUn8IT https://t.co/4TZ93PxCEY
अफगान हमलावर की ऑनलाइन पोस्ट और अल्लाह का नाम
नए वीडियो फुटेज में हमलावर को कार से हमला करने के बाद "अल्लाह" चिल्लाते हुए देखा जा सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, हमलावर ने ऑनलाइन इस्लामिस्ट प्रचार सामग्री भी साझा की थी, जो इस घटना को आतंकवादी हमले से जोड़ने वाली एक और महत्वपूर्ण कड़ी बन गई है। उसकी पहचान एक अफगान प्रवासी के रूप में हुई है, जो म्यूनिख में पिछले कुछ सालों से रह रहा था। यह घटना म्यूनिख के केंद्र में हुई, जहां आम लोग और परिवार एकत्रित थे।
जर्मनी का सुरक्षा और आव्रजन संकट
इस हमले के बाद जर्मनी के भीतर सुरक्षा और आव्रजन नीति पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है। जर्मनी में कई वर्षों से प्रवासियों को लेकर सुरक्षा चिंताएं बढ़ी हुई हैं, और इस घटना ने एक बार फिर उन मुद्दों को तूल दे दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के हमले प्रवासियों के बीच बढ़ते आतंकवादी विचारधारा के असर को दिखाते हैं, जो जर्मन समाज और सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकते हैं।