तंबाकू से बने ईंधन से चलने वाली पहली पसैंजर फ्लाइट ने भरी उड़ान(Pics)

punjabkesari.in Thursday, Jul 21, 2016 - 10:56 AM (IST)

नई दिल्ली: अफ्रीका में 15 जुलाई को पहले ऐसे वाणिज्यिक विमान ने उड़ान भरी, जिसमें जैव ईंधन का उपयोग किया गया था। जोहान्सबर्ग से केप टाउन तक उड़ान भरने वाले इस प्लेन में 300 लोग सवार थे।  ये बोइंग जेट्स साउथ अफ्रीकन एयरवेस(एसएए) द्धारा चलाया गया है, जिसे आंशिक रूप से निकोटीन मुक्त संचालित किया जा रहा है। उच्च ऊर्जा ‘सोलारिस’ तंबाकू के पौधों की लिम्पोपो प्रांत में किसानों द्वारा खेती की जाती है। 

यह फ्लाइट "प्रोजेक्ट सोलारिस" की तरफ एक बड़ा कदम है, जिसके तहत biochemists Sunchem SA, ईंधन विशेषज्ञ SkyNRG, SAA, और बोइंग के बीच साझेदारी हुई,  जाेकि 2014 काे बड़े पैमाने पर "स्थानीय, टिकाऊ जेट ईंधन उत्पादन" पहुंचाने के उद्देश्य से लांच की गई थी। 

SAA समूह के पर्यावरण मामलों के विशेषज्ञ इयान क्रुइकशांक का कहना है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे साबित होता है कि हम जैव ईंधन का उपयोग कर सकते है। इससे पता चलता है कि यह उद्योग वास्तव में बदल रहा है। चार या पांच साल पहले  जैव ईंधन काे भविष्य के रूप में देखा गया था और आज यह यहां है।

नए उद्योग
क्रुइकशांक का कहना है कि ये फ्लाइट्स निवेशकों के बीच विश्वास पैदा करेगी, जिसमें दक्षिण अफ्रीकी सरकार भी शामिल है, जिसने इस योजना काे बड़े पैमाने पर करने की अनुमति दी। उनका मानना है कि ईंधन का उत्पादन स्थानीय स्तर पर व्यापक अर्थव्यवस्था के लिए प्रमुख लाभ और बचत की पेशकश करेगा।

सामाजिक प्रभाव
De Feijter का कहना है कि सोलारिस फसल किसानों के लिए नए अवसर लेकर अाई है। जाेकि दक्षिण अफ्रीका में धूम्रपान पर राेक के बाद गिर रही तंबाकू की मांग के कारण नुक्सान उठा रहे थे। वह कहते हैं कि हर हेक्टेयर जाे हम संयंत्र कर रहे हैं, वाे लाेगाें के लिए फुल-टाइम नाैकरी की पेशकश करता है। प्रोजेक्ट सोलारिस का लक्ष्य 2025 तक 2,50,000 हेक्टेयर संयंत्र करना है।


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