भविष्य के ईंधन ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया से 2030 तक आएगा 125 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश

punjabkesari.in Monday, Apr 08, 2024 - 01:28 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क. एवेंडस कैपिटल की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर भविष्य के ऊर्जा स्रोत माने जाने वाले पर्यावरण-अनुकूल ईंधन ग्रीन हाइड्रोजन (जीएच2) और ग्रीन अमोनिया में 2030 तक भारत में कुल 125 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 10.43 लाख करोड़ रुपये के बराबर) का निवेश आकर्षित करने की क्षमता है। 


रिपोर्ट के अनुसार, "हरित हाइड्रोजन ऊर्जा संक्रमण में अगला मोर्चा" विषय पर आधारित शोध में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि हरित ईंधन अपनाने में वृद्धि को स्थिरता, आर्थिक व्यवहार्यता और मजबूत नियमों के माध्यम से उनके व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने वाली सरकारी पहलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त बिजली का उपयोग करके पानी के इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से उत्पादित GH2 अपने शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए जाना जाता है। दुनिया भर में राष्ट्रों को उनके शुद्ध-शून्य उत्सर्जन उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायता करने के लिए ईंधन के रूप में हरित हाइड्रोजन का उपयोग करने के उद्देश्य से अनुसंधान चल रहा है।


एवेंडस कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, हरित हाइड्रोजन मौजूदा उत्पादन विधियों की तुलना में उत्तरोत्तर अधिक प्रतिस्पर्धी होता जा रहा है। पिछले आठ वर्षों में उत्पादन लागत में 40 प्रतिशत से अधिक की उल्लेखनीय कमी के बावजूद अपेक्षाकृत उच्च लागत के कारण इसकी व्यावसायिक व्यवहार्यता सीमित बनी हुई है। भारत लगभग 6MMTPA की वार्षिक हाइड्रोजन मांग का दावा करता है और खुद को हाइड्रोजन का तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक उपभोक्ता बनाता है। इसके अलावा देश विश्व स्तर पर प्रचुर जल स्रोतों से संपन्न सबसे अधिक लागत प्रभावी नवीकरणीय बिजली उत्पादकों में से एक है और एक प्रमुख वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है।


हरित हाइड्रोजन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के निवेश के साथ उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं (पीएलआई) जैसी पहल के माध्यम से इलेक्ट्रोलाइज़र और हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए प्रोत्साहन पेश किया है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Parminder Kaur

Recommended News

Related News