निखिल द्विवेदी और विक्रमादित्य मोटवाने की CTRL है ब्लैक मिरर की तरह थ्रिलिंग!

punjabkesari.in Friday, Oct 11, 2024 - 03:36 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। हाल ही में रिलीज हुई CTRL देखना एक बिल्कुल अलग अनुभव है। ये उन टिपिकल फिल्मों से काफी अलग है जो हमे आम तौर पर देखने मिलती हैं। ये फिल्म आपको डिजिटल दुनिया में खींच लेती है और आपको कुछ कड़वी, कुछ छुपी हुई हकीकत से मिलवाती लाती है। हमें कहना होगा कि इस फिल्म का कॉन्सेप्ट सच में बहुत इंप्रेस कर रहा है। यह ब्लैक मिरर जैसे थ्रिल करने वाले शो के इंडियन वर्जन होने का एहसास दिला रहा है।

ब्लैक मिरर की तरह, जो यह बताता है कि टेक्नोलॉजी लोगों के जीवन को कैसे प्रभावित करती है, ठीक इसी तरह से CTRL की कहानी AI पर ध्यान केंद्रित करता है और दिखाती है कि अगर यह हमारे लाइफ को कंट्रोल करना शुरू कर दे तो यह कितना खतरनाक हो सकता है। हम दर्शकों के लिए यह कुछ बिल्कुल नया है। राइटर विक्रमादित्य मोटवाने, अविनाश संपत और सुमुखी सुरेश ने इतनी बेहतरीन "स्क्रीन लाइफ" कहानी बुनी है जो हर डिटेल को बारीकी से पकड़ती है और इसे बेहद मजेदार बनाती है। विक्रमादित्य मोटवानी का निर्देशन फिल्म को पूरी तरह से निखारता है।

सबसे ज़रूरी बात, एक बड़ा सलाम निखिल द्विवेदी को, जो ऐसे कॉन्सेप्ट को सपोर्ट करने के लिए आगे आये। प्रोजेक्ट्स में विश्वास करने वाले प्रोड्यूसर्स अहम इंसान होते हैं और फिल्म को दर्शकों तक पहुंचाने के लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ते, और निखिल ने ये काम बहुत ही अच्छे तरीके से किया है। उन्होंने इस बात पर ध्यान रखा है कि डायरेक्टर से लेकर कास्ट तक, और फिल्म की पूरी टोन तक, सब कुछ दर्शकों से कनेक्ट कर सकें। इसलिए अनन्या पांडे की कास्ट करना एक दम सही चॉइस है। उनके पास जेन-जेड का परफेक्ट अपील है जो आज टेक्नोलॉजी-ड्राइवन जेनरेशन को अच्छे से दिखाता है। हमें यह कहना पड़ेगा कि उन्होंने एक जबरदस्त परफॉर्मेंस दी है, जो उनके करियर के सबसे अच्छी परफॉर्मेंस में से एक है।

आखिरकार, यह फ़िल्म अब नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है, जहां आज ज़्यादातर लोग फिल्मों को देखना पसंद करते हैं। फ़िल्म के थीम और अपील को देखते हुए यह प्लेटफ़ॉर्म अपने टारगेट ऑडियंस तक पहुचने के लिए बिल्कुल परफेक्ट है।

Source: Navodaya Times


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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