दीपिका पादुकोण, शाहरुख खान, कावेरी कपूर, अनन्या पांडे, करण जौहर: बॉलीवुड की वो हस्तियाँ जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य संघर्षों पर साहसपूर्वक बात की
punjabkesari.in Wednesday, Jun 18, 2025 - 02:19 PM (IST)

मुंबई। जितना चकाचौंध से भरा मनोरंजन जगत का चेहरा दिखाई देता है, उसके पीछे उतने ही गहरे और जटिल संघर्ष छिपे होते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में, बॉलीवुड सितारों ने मानसिक स्वास्थ्य पर चुप्पी तोड़ते हुए डिप्रेशन, एंग्ज़ायटी और अन्य मानसिक चुनौतियों को लेकर अपने अनुभव साझा किए हैं। यह न सिर्फ एक साहसिक कदम है, बल्कि समाज में फैले मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े अंधविश्वास को कम करने में भी मददगार साबित हुआ है, और अनगिनत लोगों को मदद लेने के लिए प्रेरित किया है।
दीपिका पादुकोण
दीपिका पादुकोण उन पहली बड़ी बॉलीवुड अभिनेत्रियों में से थीं जिन्होंने 2015 में डिप्रेशन से अपनी लड़ाई के बारे में सार्वजनिक रूप से बात की। उस समय वे अपने करियर के शीर्ष पर थीं, एक के बाद एक हिट फिल्में दे रही थीं, फिर भी उन्होंने बताया कि वे अंदर से बेहद खाली महसूस करती थीं और आत्महत्या जैसे विचार भी आए थे। 2020 के वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में उन्होंने कहा, "मानसिक बीमारी मेरे जीवन में उस समय आई, जब मैंने इसकी कल्पना भी नहीं की थी। मेरे करियर का सुनहरा दौर चल रहा था।" इस अनुभव को साझा करने के उनके साहस ने उन्हें लाइव लव लाफ फाउंडेशन की स्थापना करने के लिए प्रेरित किया, जो मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और सहायता के क्षेत्र में काम करती है।
शाहरुख खान
बॉलीवुड के ‘किंग ख़ान’ शाहरुख़ भी कई बार यह कह चुके हैं कि उन्होंने भी डिप्रेशन जैसी मानसिक परेशानियों का सामना किया है, खासकर जीवन के कठिन दौर में। उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि सफलता मानसिक स्वास्थ्य की गारंटी नहीं देती। उनका इस विषय पर खुलकर बात करना फिल्म इंडस्ट्री में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चल रही बातचीत को मुख्यधारा में लाने में सहायक रहा है।
आलिया भट्ट
आलिया भट्ट ने बार-बार आने वाले एंग्ज़ायटी अटैक्स को लेकर बात की है। उन्होंने नए जमाने के कलाकारों की उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व किया है, जो मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खुलकर बात करने में झिझक महसूस नहीं करते। उनकी पारदर्शिता ने खासतौर पर युवाओं को जोड़ने में मदद की है।
कावेरी कपूर
फिल्ममेकर शेखर कपूर की बेटी कावेरी ने हाल ही में ओसीडी (ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर) से अपनी लंबी लड़ाई के बारे में सोशल मीडिया पर बेहद ईमानदारी से अपनी निजी अनुभव साझा की। उन्होंने यह भी साझा किया कि कैसे वह अपने नकारात्मक विचारों को ‘बॉब’ नाम देकर उनसे निपटती हैं। उनके खुलेपन ने ओसीडी की अक्सर गलत समझी जाने वाली वास्तविकताओं पर प्रकाश डाला है, जो साधारण आदतों से कहीं आगे बढ़कर घुसपैठिया विचारों और दोहराव वाले व्यवहारों को शामिल करती है। उन्होंने खुलासा किया, "मेरी रातें बहुत खराब चल रही हैं। मेरा ओसीडी वाकई बहुत बुरा है" और बताया कि कैसे उन्होंने पिछले कुछ सालों में अपनी स्थिति को ठीक करने के तरीके विकसित किए हैं।
अनन्या पांडे
जेनरेशन जेड की स्टार अभिनेत्रियों में से एक अनन्या पांडे ने सोशल मीडिया ट्रोलिंग और साइबर बुलिंग से प्रभावित होकर थेरेपी लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने बताया कि करियर के शुरुआती दिनों में मिली तीव्र नकारात्मकता ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला। "मैं बस बहुत ज्यादा निराश हो जाती थी," उसने याद किया। अनन्या ने बताया कि कैसे ऑनलाइन नफरत भरी टिप्पणियों ने उसे परेशान कर दिया और उसे बार-बार टूटने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा, उनका अनुभव डिजिटल युग में सेलेब्रिटीज़ को होने वाली मानसिक चुनौतियों को उजागर करता है।
इलियाना डिक्रूज़
इलियाना ने बॉडी डिस्मॉर्फिया और डिप्रेशन से अपनी जंग के बारे में खुलकर बताया है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि "शरीर की छवि को लेकर बनी गलत धारणाएं मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती हैं।" उनके ईमानदार कबूलनामे ने कई लोगों, खासकर महिलाओं को प्रभावित किया, जिन्होंने उनके स्वीकारोक्ति को समझा। उन्होंने स्वीकार किया कि "थेरेपी और दोस्तों व परिवार के समर्थन पर भरोसा किया और उनके सहारे उन्होंने डिप्रेशन और एंग्ज़ायटी से निकलने की कोशिश की।"
वरुण धवन
बॉलीवुड अभिनेताओं की नई पीढ़ी का हिस्सा, वरुण धवन ने अपने मानसिक स्वास्थ्य संघर्षों के बारे में खुलकर बात की और इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे मशहूर हस्तियाँ भी डिप्रेशन और एंग्ज़ायटी से ग्रस्त हैं। अपनी एक फ़िल्म की शूटिंग के दौरान वे मानसिक रूप से एक गहरे अंधेरे में फिसलते जा रहे थे। उन्होंने कहा कि 'भले ही उन्हें क्लिनिकल डिप्रेशन डायग्नोज़ नहीं हुआ था, लेकिन वे उस दिशा में जा रहे थे और समय रहते उन्होंने मेडिकल मदद ली।' वरुण अब मानसिक स्वास्थ्य और कार्य-जीवन संतुलन के महत्व को बार-बार उजागर करते हैं।
अनुष्का शर्मा
अनुष्का शर्मा ने भी एंग्ज़ायटी से जूझने और इसका इलाज लेने के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, "मुझे एंग्ज़ायटी है, और मैं इसका इलाज करा रही हूं। मैं दवाएं ले रही हूं।" उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया है कि यह एक पूरी तरह से सामान्य समस्या है, और लोगों को इसके बारे में खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी यह पारदर्शिता इस बात को सामान्य बनाने में मदद करती है कि मानसिक परेशानियों का इलाज लेना पूरी तरह स्वाभाविक और ज़रूरी है।
करण जौहर
करण जौहर ने डिप्रेशन और चिंता से अपनी लड़ाई के बारे में खुलकर बात की, जो एक बहुत बड़ा खुलासा था, खासकर तब जब उन्होंने यह भी कबूल किया कि वे एंटी-एंग्जाइटी दवा ले रहे हैं। "मेरे जीवन में एक ऐसा दौर आया जब मैं गहराई से डिप्रेशन में था। उस समय मुझे लग रहा था कि मुझे कार्डियक अरेस्ट हो गया है।" करण ने अक्सर प्रोफेशनल की मदद लेने के महत्व पर भी ज़ोर दिया है और बताया है कि इससे उन्हें अपने मानसिक स्वास्थ्य संघर्षों से निपटने में कैसे मदद मिली है।
इरा खान
आमिर ख़ान की बेटी इरा ख़ान ने क्लिनिकल डिप्रेशन से अपने संघर्ष के बारे में खुलकर बात की है। वे आज की युवा पीढ़ी की उस सोच का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य जैसे विषयों पर खुलकर बातचीत को सामान्य मानती है। उनकी सोशल मीडिया पोस्ट्स में थैरेपी और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जो बातें सामने आईं, वे लाखों युवा फॉलोअर्स तक पहुँचीं — और इन्हें सराहा भी गया। इरा ने सिर्फ अपनी कहानी साझा नहीं की, बल्कि इस विषय को लेकर जागरूकता फैलाने में भी अहम भूमिका निभाई।
इन सेलिब्रिटीज़ ने सिर्फ अपनी व्यक्तिगत कहानियाँ नहीं बताईं, बल्कि उन्होंने पूरे एक पीढ़ी के लिए मजबूती और संवेदनशीलता की परिभाषा को नया रूप देने की कोशिश की है। उनकी बातचीत ने समाज में लंबे समय से कलंकित रहे मानसिक स्वास्थ्य जैसे विषय को सामान्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
और अब यह 'शर्म', जो कभी इस मुद्दे से जुड़ी होती थी, धीरे-धीरे कई लोगों के लिए साहस और आशा का प्रतीक बनती जा रही है।