प्रेरणा, कॉमेडी और इमोशन का शानदार संगम है ‘सितारे ज़मीन पर’, आमिर खान ने जीता दिल
punjabkesari.in Friday, Jun 20, 2025 - 09:54 AM (IST)

फिल्म: सितारे जमीन पर (Sitaare Zameen Par)
निर्देशक: आर. एस. प्रसन्ना (R. S. Prasanna)
स्टारकास्ट: आमिर खानAamir Khan, जेनेलिया डिसूजाGenelia D'Souza,अरौश दत्ताAroush Dutta
गोपी कृष्ण वर्मा (Gopi Krishna Verma), संवित देसाई (Samvit Desai), वेदांत शर्मा (Vedant Sharma),आयुष भंसाली (Aayush Bhansali),आशीष पेंडसे (Ashish Pendse), ऋषि शाहनी (Rishi Shahani), ऋषभ जैन (Rishabh Jain), नमन मिश्रा (Naman Mishra)सिमरन मंगेशकर (Simran Mangeshkar)
रेटिंग: 3.5*
Sitaare Zameen Par: बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान अपनी फिल्मों के माध्यम से हमेशा दर्शकों को कुछ अलग और खास दिखाने का प्रयास करते हैं। 2007 की सुपरहिट फिल्म 'तारे जमीन पर' का सीक्वल 'सितारे जमीन पर' सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। आर. एस. प्रसन्ना के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म की कहानी ऑटिस्टिक बच्चों के इर्द गिर्द घूमती है। आमिर खान जिनके बास्केटबॉल कोच बनते हैं। दिव्यांग खिलाड़ियों की एक टीम को बड़े टूर्नामेंट के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी आमिर खान को सौंपी जाती है। आइए जानते हैं कैसी है फिल्म सितारे जमीन पर।
कहानी
फिल्म की कहानी एक ऐसे बास्केटबॉल कोच गुलशन अरोड़ा की है जो कभी राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का सपना देखता था, लेकिन अपनी गलतियों की वजह से जीवन की राह भटक गया। शराब पीकर गाड़ी चलाने के एक मामले में कोर्ट ने उसे सजा के तौर पर एक विशेष स्कूल में कम्युनिटी सर्विस करने का आदेश दिया।
यह स्कूल सामान्य स्कूलों से अलग था यहां पढ़ने वाले बच्चे ऑटिज्म, डाउन सिंड्रोम और अन्य बौद्धिक चुनौतियों से जूझ रहे थे। गुलशन को वहां की बास्केटबॉल टीम को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी दी जाती है। इन बच्चों के साथ गुलशन अरोड़ा को किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है और किस तरह यही बच्चे गुलशन की ताकत बनते हैं ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
अभिनय
आमिर खान एक मंझे हुए अभिनेता हैं वह अपना हर रोल पूरी शिद्दत के साथ निभाते हैं और हर किरदार में एक छाप छोड़ जाते हैं, गुलशन अरोड़ा के किरदार में भी एक्टर जंच रहे हैं लेकिन कहीं कहीं एक्टर के रोल में उनकी पिछली फिल्मों के किरदार जैसे पीके, दंगल और थ्री इडियट वाली फीलिंग आती है। जेनेलिया देशमुख का छोटा लेकिन प्रभावी रोल है उन्होंने अपनी भूमिका में अच्छा अभिनय किया है। वहीं बात करें सभी स्पेशल चाइल्डस की तो उन्होनें बेहतरीन काम किया है उनकी जितनी तारीफ की जाए कम हैं। आप उनके अभिनय से अपनी नजरे नहीं हटा पाएंगे। फिल्म के अन्य कलाकारों ने भी अच्छा काम किया है।
निर्देशन
फिल्म का निर्देशन आर. एस. प्रसन्ना ने किया है। फिल्म शुरू से लेकर अंत तक बैलेंस लगती है फर्स्ट हाफ हो या सेकंड हॉफ दोनों में किसी तरह का कोई खिंचाव नहीं है। फिल्म किसी भी जगह पर बोरिंग नहीं लगती है। फिल्म में कॉमेडी, इमोशन सब का मिश्रण हैं। इसके साथ ही फिल्म में कोई ड्रामा नहीं बल्कि कॉमेडी के जरिए एक मैसेज देने का अच्छा प्रयास किया गया है। निर्देशक एक एंटरटेनिंग फिल्म के साथ एक सामाजिक संदेश देने में सफल हुए हैं।