Movie Review: कोई भी धर्म लोगों को नफरत करना नहीं सिखाता, ये फिल्म एक सबक पेश करती है

punjabkesari.in Friday, Jul 07, 2023 - 03:20 PM (IST)

फिल्म : 72 हूरें
एक्टर्स : पवन मल्होत्रा, आमिर बशीर
निर्देशन: संजय पूरन सिंह चौहान
निर्माता: गुलाब सिंह तंवर, किरण डागर, अनिरुद्ध तंवर
सह-निर्माता: अशोक पंडित
रेटिंग : 3.5*/5

Movie Review: तमाम विवादों के बीच अखिरकार आज 7 जुलाई को '72 हूरें' सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। जबसे फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ है, विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा। फिल्म का ट्रेलर आतंकवाद की काली दुनिया के सच को उजागर करता दिखाई देता है, जिसे सेंसर बोर्ड की तरफ से मंजूरी नहीं मिली थी। बावजूद इसके, सेंसर बोर्ड की मर्जी के खिलाफ जाकर मेकर्स ने '72 हूरें' का ट्रेलर डिजीटली रिलीज किया। 

फिल्म में पवन मल्होत्रा, आमिर बशीर, राशिद नाज, अशोक पाठक लीड रोल में नजर आ रहे हैं। फिल्म को संजय पूरन सिंह चौहान ने डायरेक्ट किया है, तो वहीं गुलाब सिंह तंवर, किरण डागर, अनिरुद्ध तंवर इसके निर्माता हैं। बता दें कि अशोक पंडित इसके सह निर्माता है। फिल्म को सच्ची घटनाओं पर आधारित कहा जा रहा है। तो आइए जानते हैं कैसी है फिल्म...

 

कहानी
फिल्म में दो युवाओं हाकिम (पवन मल्होत्रा) और साकिब (आमिर बशीर) की कहानी को दिखाया गया है, जिन्हें धर्म के नाम पर बरगलाया जाता है और कट्टरपंथी  में आकर वो आतंकवादी बन जाते हैं। ये दोनों एक मौलाना की बातों में आकर पाकिस्तान से भारत आ जाते है, क्योंकि मौलाना उनसे कहता है कि अगर तुम जिहाद के लिए अपने जिंदगी कुर्बान करते हो तो तुम्हें जन्नत जाकर 72 हूरें मिलेंगी। इस लालच में आकर ये दोनों मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया पर अल्लाह का नाम लेकर आत्मघाती हमलावर (सुसाइड बॉम्बर) बम विस्फोट कराते हैं।

अब मरने के बाद क्या उनके अल्लाह उनके लिए फरिश्ते भेजते हैं? क्या वह जन्नत में जानेत हैं? क्या उन्हें वहां 72 हूरें मिलती हैं? क्या उस घिनौने मौलाना की बात सच निकलती है? ये सब जानने के लिए आपको सिनेमाघरों तक जाना पड़ेगा...

 

एक्टिंग
पवन मल्होत्रा और आमिर बशीर ने बेहतरीन काम किया है। दोनों एक्टर्स ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है। दोनों की डायलॉग डिलीवरी भी शानदार हैं।

 

डायरेक्शन 
फिल्म के निर्देशक संजय पूरन सिंह चौहान ने पूरी फिल्म को ब्लैक एंड व्हाइट में शूट किया है। उन्होंने धर्म और जिहाद के नाम पर मासूम युवाओं का ब्रेनवाश करने वालों के घिनौने सच को उजागर किया है। वहीं दमदार डायलॉग्स के साथ-साथ स्क्रीनप्ले भी कॉफी पॉवरफुल है। कुल मिलाकर यह फिल्म एक सॉलिड मैसेज देती है।


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Content Editor

Sonali Sinha

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