गुरुग्राम हादसे से ले सबक, बच्चे की एडमिशन से पहले स्कूल से जरुर करें यह सवाल

punjabkesari.in Sunday, Sep 10, 2017 - 02:19 PM (IST)

नई दिल्ली : हाल में हुए गुरुग्राम  के एक नामी स्कूल मे बच्चे की हत्या के बाद स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर मां - बाप की चिंता बढ़ गई है। एेसा होना लाजमी भी है क्योंकि बच्चों के मां - बाप बड़े अरमानों से स्कूल के भरोसे ही उन्हें पढ़ने के लिए छोड़ कर जाते है। बच्चों के भविष्य के लिए वह उसका बड़े से बड़े स्कूल में दाखिला करवाते है और उसके लिए ना जाने कितनी भारी फीस भी देते है ताकि उनका बच्चा अच्छे से पढ़ सकें। स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत सीबीएसई ने इस बारे में गाइडलाइंस स्कूलों को जारी की है। सीबीएसई समय- समय पर स्कूलों को गाइड लाइंस भेजता रहता है अगर स्कूल उनको फॉलो करें तो बच्चे काफी हद तक सुरक्षित हो सकते हैं। आपके बच्चे का स्कूल सीबीएसई से एफिलिएटेड न हो तब भी उससे ये सवाल करें। इसलिए बच्चे का किसी भी स्कूल में एडमिश्न करवाते समय इन नियमों के बारे में जानना  बहुत जरुरी है ताकि आपका बच्चा स्कूल में सुरक्षित रह कर पढ़ाई कर सकें

स्कूल में सीसीटीवी कैमरा है या नहीं
सीसीटीवी कैमरे न केवल अपराधी में भय पैदा करते हैं बल्कि अपराध हो जाने की दशा में उसे पकड़ने और सजा दिलाने में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। सीसीटीवी की कॉस्ट बहुत ज्यादा नहीं होती है। अगर आपके बच्चे के स्कूल में सीसीटीवी नहीं है तो जरूर ये सवाल उठाएं।

मैसेज आता है या नहीं
आपका बच्चा घर से निकला और स्कूल पहुंचा या नहीं इसकी जानकारी आपके पास होनी चाहिए। भले ही बच्चा छोटा हो या बड़ा, आजकल कई स्कूल बच्चों की सेफ्टी के लिए यह कदम उठा रहे हैं। अगर बच्चा स्कूल नहीं आता है तो पैरेंट्स के मोबाइल पर यह मैसेज चला जाता है कि  आपका बच्चा स्कूल नहीं आया है। चेक करें इस तरह की व्यवस्था स्कूल में है या नहीं।

बस में ये चीजें हैं या नहीं
सीबीएसई के निर्देश के मुताबिक, स्कूल बस में सीसीटीवी, स्पीड गर्वनर, अलार्म, सायरन, फर्स्ट एड बॉक्स, आग बुझाने वाला यंत्र होना चाहिए। स्कूल की बस पीले रंग की हो और खिड़कियों पर ग्रील लगी हो। स्कूल बस पर इमरजेंसी नंबर जरूर लिखे हों। आप अपने स्कूल से ये सवाल कर सकते हैं।


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स्कूल में ट्रांसपोर्ट मैनेजर है या नहीं
अगर स्कूल के बच्चे गाड़ी या बस से आते जाते हैं तो स्कूल में एक ट्रांसपोर्ट मैनेजर होना चाहिए। सीबीएसई की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, स्कूल में ट्रांसपोर्ट मैनेजर होना चाहिए, जिसका नंबर बस के बाहर और भीतर साफ साफ लिखा होना चाहिए। मैनेजर को यह देखना होगा कि  ट्रैवल के दौरान बच्चों की सेफ्टी के सभी इंतजाम किए गए हैं या नहीं।

 ड्राइवर कंडक्टर और अन्य स्टाफ के बारे में
ड्राइवर के पास वैलिड लाइसेंस है या नहीं। कंडक्टर के पास लाइसेंस है या नहीं। इन दोनों सहित स्कूल के अन्य स्टाफ का वैरिफिकेशन हुआ है या नहीं। स्कूल के पास ड्राइवर का नाम, पता, बैच नंबर, लाइसेंस नंबर, फोटो सहित सारी जानकारी होनी चाहिए। सीबीएसई के निर्देश यह भी कहते हैं कि स्कूल बसों में एक ट्रेंड लेडी गार्ड होनी चाहिए। इसके अलावा कम से कम एक पैरेंट को बस में ट्रैवल करना चाहिए। वह पैरेंट बस में सफर करने वाले किसी भी बच्चे का हो सकता है।


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