न्यायिक अधिकारियों की भर्ती के लिए नीट जैसी परीक्षा का सरकार का प्रस्ताव

punjabkesari.in Sunday, Jun 11, 2017 - 03:56 PM (IST)

नई दिल्ली : सरकार ने उच्चतम न्यायालय के सामने प्रस्ताव रखा है कि निचली न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए नीट जैसी परीक्षा आयोजित की जाए। यह प्रस्ताव एेसे समय में आया है जब अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन का भाजपा शासित कुछ राज्यों समेत कई प्रदेश विरोध कर रहे हैं। अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन का विचार 60 साल पुराना है।  देश में निचली अदालतों में 31 दिसंबर, 2015 को जारी आंकड़ों के अनुसार 4452 न्यायाधीशों के पद रिक्त थे।  इन अदालतों में न्यायाधीशों-न्यायिक अधिकारियोंं की स्वीकृत संख्या 20,502 है और वास्तविक संख्या 16,050 है।

कानून मंत्रालय में सचिव :न्याय: ने उच्चतम न्यायालय के सेके्रटरी जनरल को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मेडिकल की स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों पर प्रवेश के लिहाज से राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा :नीट: कराने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड :सीबीएसई: द्वारा अपनाएजाने वाले मॉडल का अनुसरण करने के विकल्प पर विचार किया जा सकता है।’’  पत्र के मुताबिक, ‘‘नीट द्वारा अपनाई जानी वाली प्रक्रिया के अनुसार प्रवेश परीक्षा कराने, परिणाम घोषित करने और अखिल भारतीय वरीयता सूची तैयार कराने की जिम्मेदारी सीबीएसई की है।’’

मंत्रालय ने शीर्ष अदालत को कई मॉडल सुझाये हैं ताकि निचली अदालतों में खाली पदों को तेजी से भरा जा सके।  विधि मंत्रालय ने नीट मॉडल के अलावा उम्मीदवारों के चयन के लिए एक ‘भर्ती इकाई’ द्वारा ‘केंद्रीयकृत परीक्षा’ कराने का भी प्रस्ताव रखा है और कहा है कि यह उच्चतम न्यायालय की निगरानी में हो सकता है। मंत्रालय ने यह प्रस्ताव भी दिया है कि न्यायिक अधिकारियों की भर्ती के लिहाज से परीक्षा आयोजित करने के लिए संघ लोक सेवा आयोग :यूपीएससी: को भी कहा जा सकता है। उसने कहा कि यूपीएससी विशेष परीक्षा कराने के लिए उच्च न्यायालयों के साथ परामर्श से प्रक्रिया में बदलाव कर सकती है।  सचिव :न्याय: ने यह सुझाव भी दिया है कि निचली अदालतों में जजों की भर्ती के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड पर्सनल सलेक्शन  आईबीपीएस: द्वारा अपनाए जाने वाले कुछ तरीकों पर भी विचार किया जा सकता है। 


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