तस्वीरें: भारत के ऐसे मंदिर, जहां प्रसाद में शराब पीते हैं भगवान

punjabkesari.in Monday, Dec 14, 2015 - 12:11 PM (IST)

भैरव भगवान शिव के स्वरूप हैं। मान्यता है की कालभैरव को यह वरदान है कि भगवान शिव की पूजा से पहले उनकी पूजा होगी। भगवान भैरव के तीन प्रमुख रूप हैं- बटुक भैरव, महाकाल भैरव और स्वर्णाकर्षण भैरव। शास्त्रों के अनुसार कलियुग में काल भैरव की उपासना शीघ्र फल देने वाली होती है। काल भैरव की सात्त्विक, राजसिक और तामसी तीनों विधियों में उपासना की जाती है। आपको बताते हैं भैरव बाबा के मंदिरों के बारे में जहां उन्हें प्रसन्न करने के लिए प्रसाद के रूप में शराब चढ़ाई जाती है। कुछ मंदिरों में तो भैरव बाबा भक्तों के सामने ही शराब का पात्र खाली कर देते हैं।

गुजरात अहमदबाद के भुज शहर में भगवान भैरव का विख्यात मंदिर है। इस मंदिर का विशेष महत्व है क्योंकि यहां उन्हें प्रसाद के रूप में केवल विदेशी ब्रांड्स की शराब चढ़ाई जाती है।

उज्जैन शहर से लगभग 8 कि.मी. की दूरी पर कालभैरव बाबा का मंदिर है। माना जाता है की यहां पर की गई तांत्रिक साधना कभी विफल नहीं जाती और बहुत जल्दी फल देती है। जब शराब का प्याला इनके विग्रह के मुंह से लगाया जाता है तो वह पल भर में खाली हो जाता है। शराब कहां जाती है इस राज को आज तक कोई नहीं जान पाया।

उत्तरप्रदेश के सीतापुर में स्थित खबीस बाबा मंदिर भैरव बाबा का ही रूप माने जाते हैं। यहां भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। प्रसाद के रूप में यहां भी शराब चढ़ाई जाती है और फिर भक्तों में बांटी जाती है।   


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