‘बंदरों के मंदिर’ नाम से प्रसिद्ध है पिंक सिटी का गलता मंदिर

punjabkesari.in Thursday, Jul 14, 2016 - 03:36 PM (IST)

पिंक सिटी के नाम से विख्यात जयपुर में बहुत से मंदिर भी हैं इसलिए इसे छोटी काशी भी कहा जाता है। गलता मंदिर भी प्रमुख मंदिरों में से एक है। जोकि चारों तरफ से दुस्तर इलाके में निर्मित है। यहां पर अत्यधिक संख्या में बंदर पाए जाते हैं इसलिए यह मंदिर ‘बंदरों के मंदिर’ के नाम से भी विख्यात है। यहां प्रकृति के खूबसूरत नजारों को भी देखा जा सकता है।
 
गलता मंदिर संत गालव की तपोभुमी है। उन्होंने यहां लम्बें अर्से तक तप किया था। रामानंद जी की भक्तिमान आज्ञा पर भगवान श्री कृष्णचन्द्र के बहुत से अनुयायी इस मंदिर में उनकी बाल लीलाओं के चित्रों की नक्काशी के दर्शनों के लिए आते हैं।
 
गुलाबी रंग के बलुआ पत्थरों से बना यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित है। जोकि अद्भुत कारीगरी का दृष्टांत है।  सवाई जय सिंह द्वितीय के सेवक दीवान कृपाराम ने इस मंदिर को बनवाने के विषय में सोचा। अठारहवीं सदी में दीवान कृपाराम ने यहां अनेक गठन कराए। मंदिर परिसर के पूर्वी हिस्से की वास्तुकला बहुत ही आनंददायक है। यहां एक प्राकृतिक जलधारा गौमुख से सूरज कुण्ड में गिरती है। गोमुख के स्रोत वाले तीन जल प्रवाह किसी को भी अपने आकर्षण में बांध लेते हैं। 
 
जब इस मंदिर का निर्माण हुआ उस समय के सामाजिक मानदंड इसके अनुरूप थे। पुरुषों और महिलाओं के स्नान करने के लिए अलग-अलग घाटों का निर्माण हुआ है। सबसे नीचे स्थित जल धारा हनुमान जी को समर्पित है। मकर संक्रांति, सावन और कार्तिक मास पर यहां बड़ी संख्या में भक्तों का तांता लगता है और वह पवित्र जल में स्नान करते हैं। 

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