PIX: सावन में पुण्य का भागी बनाते हैं, 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन

punjabkesari.in Friday, Jul 22, 2016 - 08:39 AM (IST)

शिव पुराण में कहा गया है कि सावन माह में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का दर्शन अत्यंत शुभकारी और पुण्य दायक होता है। यह वह स्थान हैं, जहां भगवान शिव साक्षात प्रकट हुए हैं। 12 ज्योतिर्लिंग के नाम इस प्रकार हैं सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमशंकर, काशी विश्वनाथ, त्रयंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर और घृष्णेश्वर है।

 

* सोमनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है। ऋग्वेद के अनुसार इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था। यह अब तक 17 बार नष्ट किया गया है और हर बार इसका पुनर्निमाण हुआ।

 

* ज्योतिर्लिंगों में मल्लिकार्जुन का द्वितीय स्थान है। मल्लिका अर्थात पार्वती और अर्जुन यानी शिव। महाभारत के अनुसार इस ज्योतिर्लिंग का पूजन करने से अश्वमेध यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है।

 

* महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित है। महाकाल के बारे में कहा जाता है कि यह पृथ्वी का एक मात्र मान्य शिवलिंग है। जो महाकाल का भक्त है, उसका काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

 

* ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दो स्वरूप हैं। एक को ममलेश्वर के नाम से जाना जाता है और दूसरे को श्री ओंकारेश्वर। जो लोग यहां दर्शनों के लिए आते हैं, उनके लिए सभी प्रकार के उत्तम पुण्य-मार्ग सदा-सदा के लिए खुल जाते हैं।

 

* हिमालय की केदार नामक चोटी पर केदारनाथ स्थित है, । यह चार धाम और पंच केदार में से भी एक है।

 

* भीमशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र की भीमा नदी के किनारे स्थापित है। इसे मोटेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां प्रकृति इतनी मेहरबान है कि शिव में अटूट आस्था रखने वाले भक्त ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी इधर खिंचे चले आते हैं।

 

* श्री काशी विश्वनाथ को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है। यह मंदिर गंगा किनारे स्थित है। माना जाता है कि प्रलयकाल में भी इस ज्योतिर्लिंग का लोप नहीं होता और यह जैसे का तैसे रहता है।

 

* त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग नासिक से 28 किलोमीटर दूर ब्रह्मगिरी पहाड़ी की तलहटी पर स्थित है। इसके गर्भगृह में स्थित तीन शिवलिंग ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हैं।

 

* वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित है। माना जाता है कि यहां रावण ने अपने नौ सिरों की आहुतियां दी थी।

 

* नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारिकाधाम के पास ही स्थापित है। यहां भूमिगत गर्भगृह है तथा मंदिर के परिसर में भगवान शिव की आदमकद मूर्ति है जिसके चारों ओर सुंदर हरा भरा उद्यान है।

 

* रामेश्वरम् त्रिचनापल्ली (मद्रास) समुद्र तट पर भगवान श्रीराम द्वारा स्थापित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग। भगवान श्रीराम ने लंका तक सेतु बांधा था और उनकी सेना ने इसी मार्ग से लंका पहुंच कर रावण का वध किया था।

 

* घुमेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एलोरा गुफा के समीप वेसल गांव में स्थापित है। कुछ लोग इसे घुश्मेश्वर के नाम से भी पुकारते हैं।

 

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