सावन में मेहंदी लगाने के पीछे का महत्व नहीं जानते होंगे आप

punjabkesari.in Wednesday, Aug 07, 2019 - 11:23 AM (IST)

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सावन माह का इंतजार हर किसी को होता है, ये भोलेनाथ का प्रिय माह होने के साथ-साथ इस दौरान गर्मी भी थोड़ी कम हो जाती है। सावन का महीना प्रकृति के सौन्दर्य का महीना माना जाता है। भोलेनाथ को प्रसन्न करके वर पाने के लिए ये माह बहुत ही खास होता है। इसके अलावा हर तरफ हरियाली ही हरियाली देखने को मिलती है। वहीं दूसरी ओर हर शादीशुदा व कुंआरी महिलाओं के लिए सावन खास होता है। इस दौरान वह शादीशुदा औरतें 16 श्रृंगार करती हैं ौर कुंआरी कन्याएं मेहंदी व हरी, लाल चूड़ियां पहनती हैं। 
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भारत में मेहंदी लगाने का प्रचलन सदियों से चला आ रहा है। हर उम्र की महिलाओं को मेहंदी की पत्तियां लुभाती रही हैं। देश के लगभग हर प्रदेश में मेहंदी लगाने का रिवाज है। यह पूजन सामग्री के रूप में भी उपयोग में लाई जाती हैं। लेकिन क्या आप में ये बात कोई जानता है क्या धार्मिक महत्व रखने के साथ-साथ मेंहदी लगाने का वैज्ञानिक कारण भी है? अगर नहीं तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से। 

वैज्ञानिक महत्व
कई लोग सावन को बारिश का महीना भी कहते हैं और ये कहना गलत भी नहीं होगा। लेकिन इसके साथ ही इस महीने में कई प्रकार की बीमारियां फैलने लगती हैं और आयुर्वेद में हरा रंग कई रोगों की रोक-थाम में कारगर माना गया है। मेहंदी की खुशबू और ठंडक स्ट्रेस को भी कम करती है। यही वजह है कि मेहंदी लगाना बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। 
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मेहंदी तासीर में ठंडी होने के कारण इसका उपयोग शरीर में बढ़ी हुई गर्मी को कम करने के लिए किया जाता है। हाथों और पैरों के तलवों में मेहंदी लगाने से शरीर की गर्मी कम होती है। मेहंदी में कई औषधीय गुण भी शामिल हैं। मेहंदी की शीतलता तनाव, सिरदर्द और बुखार से राहत दिलाती है। इसे लगाने से त्वचा संबंधी कई रोग दूर होते हैं और साथ ही त्वचा की खुश्की भी दूर होती है।

धार्मिक महत्व
सावन में कई तीज-त्योहार पड़ते हैं और इस महीने से ही महिलओं के व्रत-उपवास और तरह-तरह की पूजा-पाठ शुरू हो जाती हैं। जिनको करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और घर में समृद्धि आती हैं। 
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धर्मग्रंथों के अनुसार महिलाओं को सौभाग्य प्राप्ति वाले तीज-त्योहार और व्रत पर सौलह श्रृंगार करना जरूरी माना गया है। यानि सौभाग्य प्राप्ति की चीजों को धारण करना जरूरी माना गया है। मेहंदी भी महीलाओं की सौभाग्य सामग्रियों में से एक है। इसलिए श्रावण माह में मेहंदी लगाई जाती है और अपने पति की लम्बी उम्र की कामना के लिए व्रत किए जाते हैं। 


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