World Bamboo Day: आज मनाया जा रहा है विश्व बांस दिवस, पढ़ें इससे जुड़ी दिलचस्प बातें

punjabkesari.in Monday, Sep 18, 2023 - 07:51 AM (IST)

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World Bamboo Day 2023: क्या आपने कभी बैम्बू यानी बांस खाया है ? जी हां, यह सवाल शायद आपको हैरान कर दे लेकिन यह सच है कि कई जगहों पर बांस को खाया जाता है। पांडा जैसे जानवर के अलावा इंसान भी इसे खाते हैं। बैंबू के ‘शूट्स’ का सेवन स्टू, सूप, ग्रेवी, अचार और सलाद के तौर पर किया जाता है। बता दें कि एक पूरा दिन बांस को समर्पित है। दरअसल, 18 सितंबर ‘विश्व बांस दिवस’ होता है।

साल 2009 में ‘वर्ल्ड बैम्बू डे’ को मनाने की शुरुआत ‘वर्ल्ड बैम्बू ऑर्गेनाइजेशन’ ने की थी। बांस के उपयोग व इसे उगाने व इस्तेमाल के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। बांस केवल खाने या चीजें बनाने के ही काम नहीं आता बल्कि इसके कई और फायदे भी हैं। यहां आपको बता रहे हैं इससे जुड़े कुछ दिलचस्प तथा रोचक तथ्य।

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Fastest growing plant सबसे तेजी से बढ़ने वाला पौधा
पृथ्वी पर बांस सबसे तेजी से बढ़ने वाला पौधा है। बांस की कुछ प्रजातियां प्रतिदिन 1 मीटर से अधिक बढ़ सकती हैं। कोई दूसरा पौधा इतनी तेजी से नहीं बढ़ता। लकड़ी का अंतहीन स्रोत बांस इमारती लकड़ी यानी टिंबर की अर्पित करता है। बांस के जंगल बाकी पेड़ों के जंगलों की तुलना में बहुत तेजी से विकसित होते हैं।

Source of oxygen ऑक्सीजन का स्रोत
बांस अन्य पेड़ों से ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करता है। बांस उनकी तुलना में 35 प्रतिशत अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन करता है।

Bamboo eliminates greenhouse gases ग्रीन हाउस गैसों को खत्म करता है बांस
बांस के पौधे भारी मात्रा में ग्रीन हाउस गैसों को अवशोषित करते हैं। यह ‘कार्बन सिंक’ के तौर पर काम करता है।

Bamboo also works as a reservoir बांस जलाशय की तरह भी करता है काम
बांस बरसात के मौसम में अपनी जड़ों तथा तनों में बड़ी मात्रा में पानी इकट्ठा कर सकता है और सूखा पड़ने के दौरान मिट्टी, नदियों और नालों में पानी भेजकर एक जलाशय के रूप में काम करता है।

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Beliefs related to bamboo बांस से जुड़ी मान्यताएं
बांस को वंश वृद्धि का प्रतीक माना जाता है। भारत सरकार ने इसे ‘ग्रीन गोल्ड’ का भी दर्जा दे रखा है। सरकार लोगों को बांस के पौधे लगाने के लिए प्रेरित कर रही है। घरों और दफ्तरों में बांस के पौधे रखने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। ऐसी मान्यता है कि बांस के पौधे रखने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

Is bamboo a tree or a grass बांस पेड़ है या घास- 2017 में सुलझाई थी यह उलझन !
2017 से पहले जंगल के बाहर कहीं से भी बांस को काटना और उसे एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाना बेहद झमेले का काम था और इसके लिए राज्य सरकारों के वन विभाग की अनुमति की जरूरत पड़ती थी जो आसानी से नहीं मिलती थी। इसका कारण था भारत का 90 साल पुराना एक घिसा-पिटा कानून।

दरअसल विज्ञान के हिसाब से बांस एक पेड़ नहीं, घास है लेकिन 1927 के ‘इंडियन फॉरेस्ट एक्ट’ के अनुसार बांस को एक पेड़ माना गया था और जंगल में उगे बांस को छोड़ कर कहीं और से बांस काटना और उसे दूसरी जगह ले जाना वन विभाग की नजरों में गैर-कानूनी था।

2017 में कानून में संशोधन करके बांस को पेड़ों की श्रेणी से हटा दिया गया था जिसके बाद अब जंगल के बाहर के इलाकों में भी बांस को उगाने या काटने पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है।

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Special things खास बातें
यह एक सदाबहार, बारहमासी पौधा है।
बांस 25-65 फुट तक पहुंच सकता है।
तने खोखले होते हैं और व्यास में 8 इंच (20 से.मी.) तक पहुंच सकते हैं।
पौधे 100 साल तक जीवित रह सकते हैं। वे आमतौर पर अपने जीवन के अंत में खिलते हैं, बीज पैदा करते हैं और मर जाते हैं।
वे 6,000 से अधिक वर्षों से मनुष्यों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
 


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Content Writer

Niyati Bhandari

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