International Yoga Day 2025: देशभर के 1500 स्थानों से लाखों लोगों ने द आर्ट ऑफ लिविंग के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्सव में लिया भाग

punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 03:05 PM (IST)

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International Yoga Day 2025: साल के सबसे लंबे दिन की उजली शनिवार सुबह जैसे ही सूरज क्षितिज पर उगा, पूरे देश के 1500 से अधिक स्थलों पर द आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री योग प्रशिक्षक, आयुष मंत्रालय के सहयोग से, लाखों योग प्रेमियों के साथ योगासनों में लीन हो गए। चाहे वह आर्ट ऑफ लिविंग का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बेंगलुरु के पवित्र विशालाक्षी मंटप के सामने एसएसआरवीएम के हजारों छात्रों का एकसाथ सामंजस्यपूर्ण योगासन हो या भारत-भूटान सीमा, तवांग वॉर मेमोरियल और सुखना मिलिट्री स्टेशन की पृष्ठभूमि में हमारे बहादुर सैनिकों का योगाभ्यास; या भव्य समलेश्वरी मंदिर में 5000 से अधिक प्रतिभागियों का सामूहिक योग प्रदर्शन; या बर्मा और कंबोडिया से आए बौद्ध भिक्षुओं द्वारा विशाखापत्तनम के सुंदर ठोटलकोंडा बौद्ध विरासत स्थल पर योग में सहभागिता—देशभर में योग को केवल शारीरिक मुद्राओं के रूप में नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा के परम मिलन के रूप में मनाया गया।

एस.एस.आर.वी.एम ट्रस्ट के प्रशासक, आनंद जीएन, ने कहा सत्र के बाद परिसर में फैली स्पष्ट निस्तब्धता ने गहरी राहत और शांति का अहसास कराया," हालांकि आसन योगाभ्यास का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं लेकिन योग की सच्ची आत्मा केवल शारीरिक मुद्राओं और खिंचावों तक सीमित नहीं है। विश्व विख्यात आध्यात्मिक गुरु गुरुदेव श्री श्री रविशंकर, जो पिछले चार दशकों से विश्वभर में लाखों लोगों को योग के मार्ग पर अग्रसर कर रहे हैं, योग की सबसे संपूर्ण परिभाषा देते हैं — जैसे कोई फूल की कली पूरी तरह खिल सकती है, वैसे ही मानव जीवन में भी पूर्ण खिलने की क्षमता है। इस मानवीय क्षमता का पूर्ण रूप से खिलना ही योग है। योग कर्म में कुशलता है। यह हमारे अस्तित्व के सभी बिखरे सिरों को जोड़ता है और हमें हमारे 'स्व' में लौटाता है।”

शाम को गुरुदेव श्री श्री रविशंकर प्लाज़ा कल्चरल ला सांतामारिया, बोगोटा से बोगोटा के महापौर कार्लोस फर्नांडो गैलान के साथ मिलकर विश्वभर के लाखों योग प्रेमियों को संबोधित करेंगे।

गुरुदेव इस समय कोलंबिया के तीन ऐतिहासिक शहरों की यात्रा पर हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में उन्होंने बोगोटा की संसद को संबोधित किया- यह वही शहर है जहां से उन्होंने एक दशक पहले शांति के लिए मानवीय आह्वान किया था। यह प्रयास बाद में एफ.ए.आर.सी और तत्कालीन कोलंबियाई सरकार के बीच एक ऐतिहासिक शांति समझौते में परिणत हुआ, जिसने पचास साल पुराने संघर्ष को समाप्त कर दिया, जिसमें लाखों जानें चली गई थीं।


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Content Editor

Prachi Sharma

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