क्यों सोमवार के दिन ही की जाती है भगवान शिव की पूजा ?

punjabkesari.in Monday, Jul 22, 2019 - 10:38 AM (IST)

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इस बात से तो सब वाकिफ ही हैं कि सावन का महीना भोलेबाबा का पसंदीदा माह है। जप, तप और ध्यान के लिए यह महीना उत्तम माना गया है। कहते हैं कि इस पूरे महीने में जो व्यक्ति भगवान शिव की आराधना और पूजा करता है, भगवान उसकी हर इच्छा पूरी कर देते हैं। वैसे तो किसी भी भगवान की पूजा-अर्चना के लिए हर दिन उत्तम है, लेकिन शास्त्रों के अनुसार शिव की पूजा के लिए सोमवार का दिन माना गया है और सावन में पड़ने वाले हर सोमवार के महत्व पहले से अधिक बढ़ जाता है। किंतु क्या इसके बारे में कोई ये जानता है कि सोमवार के दिन ही क्यों भोलेनाथ की पूजा का दिन माना गया है? अगर नहीं तो आज हम आपको बताते हैं इसके पीछे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में। 
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एक पौराणिक तथ्य के अनुसार माता पार्वती शिव को अपने पति के रूप में पाना चाहती थी। ऐसे में उन्हें कोई ओर रास्ता न मिला तो उन्होंने भोलेनाथ को पाने के लिए घोर तप के साथ-साथ सोमवार के व्रत भी किए। उनकी भक्ति व तपस्या से प्रसन्न होकर बाबा ने उन्हें मनचाहा वरदान दिया। इसके बाद ही माता पार्वती ने अपनी इच्छा उनसे विवाह करने में जताई। अपने वरदान की वजह से वह मना नहीं कर पाए और उन्होंने मां पार्वती के साथ विवाह किया। ऐसे में अगर आप 16 सोमवार का व्रत नहीं कर पा रहे तो सावन में पड़ने वाले सोमवार का ही व्रत करके भोलेबाबा की कृपा पा सकते हैं। 
पढ़ें, सावन सोमवार की व्रत कथा
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कुछ मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन चन्द्र ग्रह का दिन माना जाता है और चन्द्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं। इसलिए इस दिन पूजा करने से चन्द्रमा के साथ-साथ भगवान शिव की कृपा भी मिल जाती है। ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान शिव ने अपने मस्तिष्क पर चंद्रमा को स्थान दिया हुआ है। इसी कारण से सोमवार के दिन शिव जी की पूजा की जाती है।


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