क्या है भाद्रपद महीना, जानें इस दौरान कौन से काम होते हैं वर्जित

punjabkesari.in Thursday, Aug 15, 2019 - 01:47 PM (IST)

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आज 2019 का सावन का महीना खत्म हो गया है। कल से यानि 16 अगस्त से भादो के महीने की शुरुआत हो रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाद्र का अर्थ कल्याण करने वाला बताया गया है। तो वहीं भाद्रपद का अर्थ भद्र परिणाम देने वाले व्रतों का माह बताया जाता है। बता दें मान्यतानुसार भाद्रपद माह चातुर्मास के चार पवित्र महीनों में से दूसरा महीना है। जिसे आम भाषा में हम भाद्र या भादवा कहते हैं। इस महीने में भाद्रपद महीने में सनातन धर्म के अनेक पर्व आते हैं। जिनमें जन्माष्टमी व गणेशोत्सव मुख्य होते हैं।

भाद्रपद माह में स्नान, दान तथा व्रत करने से जन्म-जन्मान्तर के पाप नाश हो जाते हैं। भादो में अनेक लोक व्यवहार के कार्य निषेध होने के कारण यह माह शून्य मास भी कहलाता है। माना जाता है कि यह महीना गलतियों को याद करके प्रायश्चित करने के लिए सर्वोत्तम है। इस महीने में गणेश चतुर्थी, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव और कलंक चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस बार भादो का महीना 16 अगस्त से 14 सितंबर तक रहेगा।
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भादो में नए घर का निर्माण, विवाह, सगाई आदि मांगलिक कार्य शुभ नहीं माने जाते, इसलिए भादो में भक्ति, स्नान-दान के लिए उत्तम समय माना गया है। शास्त्रनुसार भाद्रपद माह में कुछ कार्य निषेद्ध हैं तथा कुछ खाद्य सामाग्री पर भी वर्जना बताई गई है। इन वर्जनाओं और निर्देशन के पीछे वैज्ञानिक और संस्कृति उद्देश भी है।
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गुड नहीं खाएं अन्यथा स्वर बिगड़ सकता है, तिल के तेल का सेवन न करें इससे उम्र घटती है। दही नहीं खाएं, इशसे स्वास्थ्य बिगड़ा है। दूसरे का दिया भात न खाएं, जीवन में लक्ष्मी घटती है। इसके अलावा नारियल का तेल नहीं खाएं, संतति सुख में कमी आती है।
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क्या करें
इस महीने में माक्खन ज़रूर खाएं, उम्र बढ़ती है, गाय का घी खाएं, पुष्टि मिलती है। गाय के दूध से वंश वृद्धि होती है। पानी में गौमूत्र डालकर स्नान करें, पाप नाश होते हैं।
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Jyoti

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