जब भोलेनाथ ने भगवान के दर्शन के लिए लिया अवतार

punjabkesari.in Monday, Dec 31, 2018 - 02:19 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
इस बात से तो सब वाकिफ़ ही हैं कि जब-जब भगवान विष्णु ने अवतार लिए हैं तो उसके पीछे कोई न कोई कारण जरुर रहा है। ऐसे ही कंस के बढ़ते अत्याचारों के कारण ही भगवान ने श्रीकृष्ण अवतार लिया। उनका ये अवतार इतना मनमोहक हुआ कि सभी देवी-देवता तक उनके इस स्वरूप के दर्शन के लिए खुद किसी न किसी रुप में अवतरित हुए। इसी तरह भगवान शिव भी उनके बालरूप के दर्शन के लिए पृथ्वी पर पधारे। तो चलिए जानते हैं भोलेनाथ ने किस अवतार में किए थे बाल गोपाल के दर्शन-
PunjabKesari
जब भगवान विष्णु ने राम अवतार लिया तब भोलेनाथ ने श्रीकाकभुशुण्डि के साथ वृद्ध ज्योतिषी के रूप में अयोध्या पधारे। ऐसे ही जब उनको पता चला तो कि गोकल में नन्द जी के यहां साक्षात नारायण ने जन्म लिया है, तो वे भी उनके दर्शनों के लिए कैलाश से गोकुल की ओर दौड पड़े। श्री कृष्णावतार की एक झलक पाने के लिए बाबा भोलेनाथ साधु के वेष में गोकुल पहुंचे। शिव ने एक साधू का रूप सजाया और उनके अपने ही गण श्रृंगी व भृंगी को अपने शिष्य बनाकर गोकुल के लिए निकल गए।
PunjabKesari
श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय का कीर्तन करते हुए वे नंदगांव में माता यशोदा के द्वार पर आकर खड़े हो गए और भिक्षा के लिए आवाज लगाई। जब यशोदा माता को पता चला कि कोई साधु द्वार पर भिक्षा लेने के लिए खड़े हैं। उन्होंने दासी को साधु को फल देने की आज्ञा दी। दासी ने हाथ जोड़कर साधु को भिक्षा लेने व बालकृष्ण को आशीर्वाद देने को कहा। साधु बने शिव ने दासी से कहा कि, ‘मेरे गुरू ने मुझसे कहा है कि गोकुल में यशोदा जी के घर स्वंय परमात्मा प्रकट हुए हैं इसलिए मैं उनके दर्शन के लिए आया हूं। मुझे कान्हा के दर्शन करने हैं।’
PunjabKesari
दासी ने भीतर जाकर यशोदा माता को सब बात बताई। यशोदा जी को ये सुनकरआश्चर्य हुआ। उन्होंने बाहर झांककर देखा कि एक साधु खड़े हैं। उन्होंने बाघ की खाल पहन रखी है, गले में सर्प है, भव्य जटा है और हाथ में त्रिशूल है। यशोदा ने साधु को प्रणाम करते हुए कहा कि, ‘महाराज आप महान पुरुष लगते हैं। क्या भिक्षा कम लग रही है? आप मांगिए, मैं आपको वही दूंगी पर मैं अपने लल्ला को बाहर नहीं लाऊंगी। वो नन्हा सा बालक आपके इस रुप को देखकर डर जाएगा।‘
PunjabKesari
इस पर भगवान शिव ने कहा, ‘हे मैया! मैं कुछ और भिक्षा लेकर क्या करुंगा। मुझे तो आपके लल्ला के दर्शनों की भिक्षा चाहिए, केवल एक बार मुझे उनके मुख का दर्शन करा दें, फिर मैं चला जाऊंगा।‘
साधु के इतना कहने पर मैया डरते-डरते अंदर गईं और लल्ला को गोद में पकड़ कर ले आईं। भगवान शंकर भी कृष्ण की छवि देखकर आंनदित होकर नाचने लगे।
अबकी बार क्या congress की सरकार ? (Video)

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Lata

Recommended News

Related News