इस पहाड़ और भीम का क्या है CONNECTION ?

punjabkesari.in Monday, Feb 25, 2019 - 04:16 PM (IST)

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भारत में ऐसे कई धार्मिक स्थल और गुफाएं आदि हैं जिनका संबंध महाभारत काल से जुड़ी हुआ है। आज भी हम आपको लिए कुछ ऐसा लाएं, जिसका संबंध महाभारत के पांडवों से है। हम बात कर रहे हैं कि मध्यप्रदेश के इंदौर जिले से 75 कि.मी से दूर देवास के उदयपुरा गांव से लगभग 10 कि.मी दूर उत्तर पोटलागांव के पास स्थित कावड़िया पहाड़ है। यहां एक ऐसा रहस्यमयी पहाड़ है जिसे देखने के लोग दूर-दूर से आते हैं। 
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बता दें इसे कावडिया पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। इस पहाड़ी के बनने के बारे में विभिन्न मान्यताएं प्रचलित हैं। जहां ये स्थित है वहां का सारा क्षेत्र मालवा के अंतर्गत आता है। जो भी इस पहाड़ को देखता है वह इसे पहाड़ नहीं बल्कि तराशे गए पत्थरों के पील्लरों का ढेर कहता है। बता दें कि कुछ लोग तो इसे वंडर ऑफ नेचर भी कहते हैं। मान्यता है कि ये पील्लर भीम ने लाकर रखे थे।
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चट्टानों से आती हैं अजीबो-गरीब आवाज़ें आवाज-
यहां आने वाले लोगों का कहना है कि इन चट्टानों को किसी छोटे पत्थर या धातु से बजाने पर इनमें से लोहे की रॉड से निकलने जैसी आवाज सुनाई देती है। तो वहीं कभी-कभी इनमें से घंटी के स्वर भी जैसी आवाज़ें निकलती है।
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पांडवों ने किया था इसका निर्माण-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत काल के दौरान इस वन प्रदेश में पांडवों ने अज्ञातवास के समय यहां भ्रमण किया था। भीम ने 3 फुट व्यास के 10-30 फुट लंबी कॉलम-बीम आकार के लौह-मिश्रित पत्थर इकट्ठे किए थे।  जो इस समय सात स्थानों पर सात पहाड़ियों के रूप में स्थापित हैं। बता दें कि इन पहाड़ियों की ऊंचाई 40-45 फुट की है। ऐसा कहा जाता है कि भीम का उद्देश्य इन पत्थरों से सात महल बनाने का रहा होगा।  
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Jyoti

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