ऐसा क्या हुआ जो भगवान कृष्ण को लेनी पड़ी दानवीर कर्ण की परीक्षा ?

punjabkesari.in Thursday, Jul 04, 2019 - 01:46 PM (IST)

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महाभारत में हर एक पात्र अपने आप में अहम रहा है। तो वहीं उन्हीं पात्रों में से कर्ण का किरदार प्रमुख्य रहा है। कर्ण सूर्य पुत्र होने के साथ-साथ दानवीर भी था। कहते हैं उससे बड़ा दानवीर उस समय में कोई भी नहीं था। उसकी दीनता की खबरें हर तरफ फैली हुई थी। जब युद्ध में अर्जुन के प्रहारों से कर्ण घायल हो गया, तब कर्ण की परीक्षा लेने के लिए श्रीकृष्ण उसके पास ब्राह्मण के वेश में ये जानने के लिए गए कि वह कितना बड़ा दानवीर है।
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प्रसंग-
श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि कर्ण की वीरता और दानवीरता के लिए हमेशा उसे याद किया जाता रहेगा। ये बात सुनकर अर्जुन बोले कि वो सबसे बड़ा दानवीर कैसे हो सकता है? इस बात को साबित करने के लिए भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण का वेश धारण किया ताकि वह कर्ण की दानवीरता की परीक्षा ले सकें। जब भगवान ब्राह्मण के वेष में कर्ण के पास पहुंचे। कर्ण को प्रणाम किया। कर्ण ने उनसे वहां आने का कारण पूछा तो ब्राह्मण ने कहा कि मैं आप से कुछ दान मांगने आया हूं। आप की हालत देखकर अब कुछ नहीं मांगना चाहता, क्योंकि आप इस हालत में क्या दे सकेंगे? आप अब मृत्यु के करीब पहुंच चुके हैं।
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यह सुनकर कर्ण ने अपने पास पड़े पत्थर से अपना सोने के दांत तोड़कर ब्राह्मण को अर्पण कर दिए। इस दानवीरता से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण अपने वास्तविक रूप में आ गए और कर्ण को वरदान मांगने को कहा। कर्ण ने श्रीकृष्ण से कहा कि आप ही मेरा अंतिम संस्कार करें और मेरे वर्ग के लोगों का कल्याण करें। कर्ण की मृत्यु होने के बाद श्रीकृष्ण ने ही उसका अंतिम संस्कार किया।


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