Smile Please: भगवान से पहले खुद पर भरोसा करें, विवेकानंद की आंखें खोल देने वाली सीख

punjabkesari.in Tuesday, Jul 01, 2025 - 11:44 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

आलस्य जीवित मनुष्य की कब्र है। —कूपर

आप थकावट का सहारा लेकर आराम करने लग जाते हैं, ऐसा करके आप बाधा उत्पन्न करते हैं। —स्वेट मार्डन

अपने मन से यह विचार निकाल दें कि आप गरीब हैं और सदा गरीब ही रहेंगे। आप में विश्वास हो तो आप धरती पर पैर मारकर जल निकाल सकते हैं।            —स्वेट मार्डन

अज्ञानता एक ऐसी रात्रि है, जिसमें न चांद है न तारे। अपनी अज्ञानता का आभास हो जाना ही ज्ञान का प्रथम सोपान है। —डिजरायली

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ऐसा कोई काम मत करो कि बाद में माफी मांगनी पड़े।

पुत्र जब जवान हो जाए तो उसे किसी के सामने न डांटें। —चाणक्य नीति

यदि आप लोगों पर बहुत अधिक निर्भर रहते हैं तो इससे आपके निराश होने के अवसर बढ़ जाते हैं। मैं ऐसे भगवान में विश्वास नहीं करता, जो जिंदा रहते हुए तो मुझे रोटी नहीं दे सकता लेकिन मरने के बाद स्वर्ग देगा। —स्वामी विवेकानंद
 
जो श्रम करने से हमें आनंद प्राप्त होता है वह हमारी व्याधियों के लिए अमृत तुल्य औषधि है। इससे हमारी वेदना शांत होती है। कार्य में उत्साह ही प्राण है।
उत्साह वह ज्वाला है जो हमारा कार्य रूपी इंजन चलाने का आधार तैयार करती है। —स्वेट मार्डेन

चाहते हो आपके घर में खुशहाली हो तो आज से बांटना शुरू कर दो। बांटने वालों की झोलियां हमेशा भरी रहती हैं। किसी के आगे हाथ नहीं फैलाने पड़ते। —दर्शना भल्ला

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थोड़ा सिर झुका कर देखिए। अहंकार मिट जाएगा। आंखों से आंसू गिरा कर तो देखिए पत्थर भी पिघल जाएगा। संतों की वाणी में बड़ी शक्ति होती है। इसके प्रभाव से मनुष्य के अंदर का मैल धुल जाता है।—राष्ट्र संत चंद्रप्रभ

कहते हो कि टेंशन बनी हुई है। यह किसी दूसरे ने नहीं बनाई यह आप ने खुद बना रखी है। हिम्मत से ज्यादा बोझ नहीं उठाओ और आमदनी से ज्यादा खर्च करना छोड़ दो। सत्संग में जाने लग जाओ।- दीदी मां ऋम्भरा

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Content Editor

Prachi Sharma

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