Vinayaka Chaturthi: चतुर्थी के दिन गणेश पूजा में रखें इन वास्तु नियमों का ध्यान, हर मुश्किल का मिलेगा हल
punjabkesari.in Tuesday, Nov 05, 2024 - 01:00 AM (IST)
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Vinayaka Chaturthi 2024: कार्तिक मास की विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा का महत्व है। इस दिन पूजा करने का सही समय और कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखना आपके पूजा के फल को और भी शुभ बना सकता है। विनायक चतुर्थी पर पूजा करने का सही समय और वास्तु नियमों का पालन करना आपके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाने में सहायक होगा। भगवान गणेश की आराधना को सच्चे मन से करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। यह पर्व आपको नए आरंभ, खुशियों और समृद्धि का संकेत देता है। गणेश जी की कृपा से हर मुश्किल का हल संभव है।
Right time of Vinayaka Chaturthi Puja विनायक चतुर्थी पूजा का सही समय: विनायक चतुर्थी की पूजा का सबसे शुभ समय है चतुर्थी तिथि का दिन। इस दिन गणेश जी की पूजा सुबह और शाम दोनों समय की जा सकती है लेकिन विशेषकर दोपहर का समय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
दोपहर का समय: विनायक चतुर्थी पर चतुर्थी तिथि के उदय होने से पहले का समय सर्वोत्तम होता है। इसके अलावा दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच का समय भी शुभ माना जाता है।
Vinayaka Chaturthi special puja method विनायक चतुर्थी विशेष पूजा विधि: पहले गणेश जी की मूर्ति को स्नान कराएं। उसके बाद उन्हें नए वस्त्र पहनाएं और उन्हें फूल, फल, मोदक आदि अर्पित करें। धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करके उनकी आरती करें।
Vinayak Chaturthi Vastu Rules विनायक चतुर्थी वास्तु नियम: विनायक चतुर्थी पर पूजा करते समय कुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपकी पूजा अधिक फलदायक हो सके:
Selection of Vinayaka Chaturthi Puja Place विनायक चतुर्थी पूजा स्थान का चयन: पूजा का स्थान घर के उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान) में होना चाहिए। यह दिशा लक्ष्मी और गणेश जी के लिए शुभ होती है। यदि उत्तर-पूर्व में स्थान न हो तो पूर्व दिशा भी उपयुक्त मानी जाती है।
स्वच्छता: पूजा स्थल को स्वच्छ और व्यवस्थित रखें। गंदगी और अव्यवस्था से पूजा का फल कम हो सकता है। घर के अंदर और बाहर दोनों जगह सफाई रखें।
गणेश मूर्ति की दिशा: गणेश जी की मूर्ति को घर के मुख्य द्वार की ओर इस प्रकार रखें कि वे घर के अंदर की ओर देख रहे हों। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
विभिन्न सामग्री का ध्यान: गणेश जी के लिए लाल या पीले रंग का वस्त्र सबसे अच्छा होता है। ये रंग उनकी आराधना में सकारात्मकता लाते हैं। पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्री जैसे मोदक और फल ताजे होने चाहिए।
सकारात्मकता: पूजा करते समय सकारात्मक सोच रखें और मन में कोई नकारात्मक भावना न लाएं। प्रेम और श्रद्धा के साथ पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा जल्दी प्राप्त होती है।
धूप-दीप का प्रयोग: पूजा में घी का दीपक जलाना शुभ होता है। इससे वातावरण में सकारात्मकता बनी रहती है।