वैदिक ज्योतिष से जाना जा सकता है भविष्य, बुरे दिन भी होते हैं अच्छे से पार

punjabkesari.in Monday, Mar 26, 2018 - 08:07 AM (IST)

74 वर्षीय सुशील चतुर्वेदी दावा करते हैं कि उनके द्वारा की जाने वाली कुंडली भविष्यवाणियों की सटीकता के लिए राजनेताओं, उद्योगपतियों से लेकर खेल-सितारे 12 वर्ष की उम्र से उनके बड़े प्रशंसक रहे हैं। बड़े-बड़े प्रकाशनों ने उनके द्वारा की गई एकदम सटीक भविष्यवाणियां प्रकाशित की हैं और इलुस्ट्रेटिड वीकली में छपने वाले उनके कॉलम ‘एस्ट्रोफोकस’ के लिए प्रतिदिन प्रशंसकों के लगभग 50 पत्र आया करते थे। 


देश-दुनिया की सटीक भविष्यवाणियां कर चुके हैं
उनके द्वारा की गई भविष्यवाणियों में से कुछ भले ही कितनी भी अविश्वसनीय लगती हों, कुछ तो दुनिया भर में मानी गई हैं। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि लेडी डायना और प्रिंस चार्ल्स अंतत: तलाक लेंगे। अमेरिकी चुनावों से 9 महीने पहले उन्होंने बता दिया था कि मोनिका लिविंस्की विवाद के बावजूद जॉर्ज बुश को हरा कर बिल क्लिंटन दो बार राष्ट्रपति बनेंगे। सुशील के पूर्वानुमान से प्रभावित क्लिंटन ने उन्हें अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था। 


देश में वह गांधी परिवार के बारे में कई सटीक भविष्यवाणियां कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगी, राजीव गांधी अपने वंशानुगत पुण्यों के कारण प्रधानमंत्री बनेंगे लेकिन उनका भविष्य 91 अंक से परे दिखाई नहीं देता है, प्रियंका गांधी कभी राजनीति में नहीं आएंगी। प्रधानमंत्री बनने की आस में लालकृष्ण अडवाणी द्वारा सारनाथ से अयोध्या तक यात्रा के बावजूद सुशील ने पहले ही कह दिया था कि अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने 1983 क्रिकेट विश्व कप में भारत की जीत भी पहले ही देख ली थी। 


यूं बने ज्योतिषी 
आगरा के एक जमींदार परिवार में जन्मे तथा मुंबई में बस चुके इस वैदिक ज्योतिषी का दावा है कि उन्होंने 2 लाख कुंडलियां पढ़ी हैं। उनका ज्योतिषी बनना ‘1001 अरेबियन नाइट्स’ की किसी कहानी से कम दिलचस्प नहीं है। 


उच्च अकादमिक योग्यताओं (इलैक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री, बिड़ला कॉलेज ऑफ साइंस में प्रोफैसर और लंदन यूनिवर्सिटी कॉलेज से बिजनैस मैनेजमैंट में मास्टर्स डिग्री) से लैस होने के बावजूद 1978 में पंजाब के शहर होशियारपुर में भृगु ऋषि नाड़ी ज्योतिधाम की यात्रा ने उनके करियर की राह को वैदिक ज्योतिष की ओर हमेशा के लिए मोड़ दिया।


वह बताते हैं, ‘‘वहां मौजूद पांडुलिपियों से पता चला कि पूर्वजन्म में मैं अयोध्या में रहता था। मुम्बई के पवई में नोफ्रिल्स अपार्टमैंट में एक सादा कुर्ता पहने सुशील कहते हैं, ‘‘धाम वालों ने पांडुलिपि पढ़ कर मुझे बताया कि यदि मैं तपस्या करता हूं तो पूर्वजन्म के पुण्यों के बदले में मुझे उच्च योग प्राप्त होगा। तब मैंने अगले तीन वर्ष तक होली, दशहरा, जन्माष्टमी, दीवाली तथा दो नवरात्र की 22 शुभ रातों को रात भर मंत्रोच्चारण किया और धु्रव तारे को निहारते हुए कुछ औषधीय दवाइयां पीं। किसी पागल की तरह मैंने हिमालय से लेकर सभी देवी तीर्थों की यात्रा की।’’ 


सुशील कहते हैं कि अंतत: उन्हें इस तपस्या का फल मिला और उनका दावा है कि अब उनके पास दूरदृष्टि और किसी भी व्यक्ति को ‘एक्स-रे’ की तरह पढऩे की क्षमता है। 
वह कहते हैं, ‘‘मैं दु:खी और हठधर्मी लोगों को सही राह दिखाने के अभियान पर हूं।’’


सूर्य के बदले चंद्र संकेतों को अधिमान देते हैं वह चंद्र संकेतों को सूर्य संकेतों से अधिक सटीक मानते हैं क्योंकि वे किसी व्यक्ति को परिभाषित करने के लिए अधिक संकेतक प्रदान करते हैं। किसी जोड़ी के 36 गुणों के मिलने के लिए कुंडली मिलान के परम्परागत तरीके से वह सहमत नहीं हैं। 


उनके अनुसार, ‘‘मैं मुनि वशिष्ठ की तरह मिलान करने से सहमत नहीं हूं। मेरे लिए प्यार के लिए चंद्रमा, संग्राम के लिए मंगल और प्रेम अथवा विवाह में अनुराग के लिए शुक्र अधिक महत्वपूर्ण हैं।’’


वह कहते हैं, ‘‘आपकी कुंडली में इनमें से किसी भी एक की अनुपस्थिति होने पर विवाह सफल नहीं होगा। झगड़ों और कभी-कभार एक-दूसरे को नजरअंदाज करने के बावजूद उनकी अपनी शादी 47 वर्ष तक चली।


कुंडली के माध्यम से भविष्यवाणियों के साथ ही वह कुछ अन्य प्रकार के उपाय भी करते हैं। इसके लिए वह दुनिया भर से जमा तथा जिन्हें अलग-अलग मुखों के अनुरूप बांधी गई 6 रुद्राक्ष मालाओं का प्रयोग करते हैं। इनके दक्षिणावर्त (क्लॉकवाइज) घूमने का अर्थ है कि ग्रह का प्रभाव अच्छा है और यदि माला वामावर्त (एंटीक्लॉकवाइज) घूमती है तो इससे ग्रह की कमजोरी का संकेत मिलता है। 


उदाहरण के लिए यदि आपकी दाहिनी हथेली पर चन्द्रमा क्षेत्र के ऊपर माला वामावर्त घूमती है तो आपको जीवन में प्रेम पाने के लिए ग्रह मजबूत करने हेतु अंगूठी में मोती धारण करने की आवश्यकता होगी। वह सलाह देते हैं, ‘‘यदि सड़क ही खराब है तो सबसे अच्छी कार के साथ भी सफर आसान नहीं होगा। यदि सड़क अच्छी है तो आप जीवन के सबसे बुरे दिनों को भी अच्छे से पार कर सकते हैं।’’


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