घर में गूंजती रहती है बच्चे के रोने की आवाज़ें तो ये वास्तु टिप्स अपनाएं
punjabkesari.in Tuesday, Jun 09, 2020 - 11:59 AM (IST)
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शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
अगर हिंदू धर्म की मानें तो प्रत्येक देवी-देवता से जुड़ी प्रत्येक वस्तु के साथ-साथ इनके वाहनों का भी महत्व है। फिर चाहे वो भगवान शंकर के गले में विराजित सर्प हो या श्री हरि विष्णु जी का सुदर्शन चक्कर। मगर क्या आप जानते धार्मिक शास्त्रों के अलावा इन सब का वास्तु से भी गहरा संबंध बताया जाता है। जी हां, इसके अनुसार श्री कृष्ण के सिर पर सुशोभित मोर पंख का इस्तेमाल करने से जीवन की बहुत से समस्याएं दूर हो जाती हैं। वास्तु विशेष कहते हैं कि मोरपंख दिखने में जितना छोटा व बेहद खूबसूरत होता, उतनी ही बड़ी से बड़ी मुसीबतों का समाधान देने में समर्थ होता है। हम जानते हैं उपरोक्च वाक्य पढ़ने के बाद आपके मन में इससे जुड़े उपायों को जानने की लालसा बढ़ गई होगी। घबराइए नहीं, हम आपको बताएंगे मोर पंख से जुड़े खास उपाय-
वास्तु के मुताबिक जिस घर के मुख्य द्वार पर मोरपंख लगा होता है, वहां कभी नकारात्मक ऊर्जा और जीव-जंतु प्रवेश नहीं करते। इसके अलावा बताया जाता है घर के मेन गेट पर 3 मोरपंख लगाकर 'ॐ द्वारपालाय नम: जाग्रय स्थापयै स्वाहा' मंत्र लिखें और नीचे गणेश जी की मूर्ति लगाना भी शुभ होता है।
जिस घर के लोगों को आर्थिक हानि जैसे कोई परेशानि घेरे हुए हो उन्हें मंदिर में राधा-कृष्ण के मुकुट में जाकर मोरपंख लगाना चाहिए और ठीक 40 दिन बाद इसे लाकर तिज़ोरी में रख दें।
घर के बच्चों को बुरी नज़र से बच्चों के लिए नवजात बालक को चांदी के ताबीज में मोरपंख डालकर पहनाएं। इसके अलावा अगर बच्चा अधिक रोता हो, बात-बात पर चिढ़ता हो या फिर हद से ज्यादा जिद्द करता हो तो छत के पंखों पर मोरपंख लगाने से इन सभी आदतों से बच्चों को छुटकारा मिलता है।
दुश्मन अधिक परेेशान कर रहे हों तो हनुमान जी के मस्तक का सिंदूर, मंगलवार एवं शनिवार उनका नाम लेकर लगाएं और सुबह बिना मुंह धोए इसे बहते हुए पानी में बहा दें।
घर के वास्तु दोष को ठीक करने के लिए आग्नेय कोण में मोरपंख लगाएं। इसके अलावा ईशान कोण में श्री कृष्ण की फोटो के साथ भी मोरपंख लगाया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त ग्रहों के अशुभ को खत्म करने के लिए मोरपंख को लेकर 21 बार ग्रह का मंत्र बोलकर पानी के छींटें दें और इसे श्रेष्ठ स्थान पर स्थापित करें जहां से यह दिखाई दें, अशुभ प्रभाव खुद ही शुभ में बदल जाएंगे।