चार धाम की Official Website पर पंजीकरण के बाद मिलेगा यात्रा का ई-पास

punjabkesari.in Wednesday, Jul 01, 2020 - 11:52 AM (IST)

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देश भर में होने वाली बहुत सी यात्राएं जून-जलाई माह में शुरू की जाती है लेकिन इस साल कोरोना के कारण अधिकतर यात्राएं स्थगित की जा रही है। तो वहीं इसी बीच कुछ यात्राओं को खोलने की मांग भी की जा रही है। जिसमें चार धाम को खोलने की मांग पर रधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने सोमवार को राज्य के निवासियों को 1 जुलाई से यानि आज से बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमनोत्री तथा गंगोत्री सहित सभी चार धामों के दर्शन की सशर्त यानि कुछ शर्तों के साथ अनुमति दी गई है। इस पर अधिक जानकारी देते हुए बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कहा कि निषिद्ध क्षेत्रों और 'बफर जोन में रहने वाले लोगों को किसी भी धाम क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। आइए विस्तारपूर्वत जानते हैं दर्शन करने के लिए नियमों का पालन करना होगा अनिवार्य-
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बता दें इससे पहले जारी आदेशों के अनुसार, 30 जून तक केवल उसी जिले में रहने वाले श्रद्धालुओं को जिलाधिकारी की अनुमति से चारों धामों में दर्शन की अनुमति दी गई थी। अब कोविड-19 के मद्देनजर चार धामों के दर्शन की अनुमति कुछ प्रतिबंधों के तहत दी गई है।

उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के भीतर चारधाम यात्रा संचालित करने का निर्णय तो लिया है, परंतु तय शर्तो के अनुसार बिना पास के कोई भी व्यक्ति चारधाम के दर्शन करने नहीं जा पाएगा। इसके लिए सबसे पहले देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण कर ई-पास होना अनिवार्य होगा।
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बता दें एक जुलाई से पूरे प्रदेश के लोग चारधाम के दर्शन करने जा सकते हैं, परंतु जाने से पहले उन्हें ऑनलाइन पास बनवाना होगा। देवस्थानम बोर्ड की https://badrinath-kedarnath.gov.in  वेबसाइट पर पंजीकरण करने के बाद ई-पास जारी किया जाएगा।

पंजीकरण में प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं सत्यापन करने के साथ यात्रा शुरू करने की तारीख, निवास स्थान का पता, फोटो आईडी अपलोड करना ज़रूरी होगा तथा यात्रा के दौरान इस ई-पास के साथ-साथ अपलोड की गई फोटो आईडी साथ में रखनी आवश्यक होगी। इसके अलावा श्रद्धालु प्रत्येक धाम क्षेत्र में यात्रा विश्राम स्थल पर केवल एक रात ही रूक सकते हैं ।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार यात्रियों की सुविधा के लिए बोर्ड ने एक हेल्प डेस्क भी बनाई है। हेल्प डेस्क के नंबर 7060728843, 9758133933 पर संपर्क कर सकते हैं। 
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Jyoti

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